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हनुमानगढ़

प्रस्तावित इंटीग्रेटिड लैब के निर्माण को लेकर एनएचएम के अधिकारियों ने नहीं ली सुध

जांच सुविधा शुरू हो तो मिले लाभ

हनुमानगढ़Jun 02, 2024 / 09:15 pm

Anurag thareja

जांच सुविधा शुरू हो तो मिले लाभ

जांच सुविधा शुरू हो तो मिले लाभ

  • आचार संहिता हटने के बाद अस्पताल प्रशासन एनएचएम को करवाएगा अवगत
    हनुमानगढ़. जिला अस्पताल में प्रस्तावित इंटीग्रेटिड लैब के निर्माण को लेकर एनएचएम के अधिकारियों ने सुध नहीं ली। आचार संहिता के हटते ही जिला अस्पताल प्रशासन एनएचएम के अधिकारियों को अवगत करवाएगा। टाउन स्थित जिला अस्पताल में सवा करोड़ की लागत से प्रस्तावित एकल लैब भवन के निर्माण किया जाना है। आयुष्मान भारत इन्फरास्ट्रक्चर मिशन की ओर से नौ फरवरी २०२४ को बजट जारी किया था। एनएचएम आचार संहिता के बाद निविदा की कार्यवाही करेगा। जानकारी के अनुसार एनएचएम भवन का निर्माण १८ माह में पूरा करेगा। भवन में सभी तरह की जांचे होंगी और रोगी व परिजनों के लिए आधुनिक वेटिंग हॉल की सुविधा होगी। भवन का निर्माण ४० गुणा १५७ साइज में किया जाना है। वर्तमान में जिला अस्पताल में आरटीपीसीआर, साधारण जांच लैब व पीपीपी मॉडल जांच लैब तीन अलग-अलग भवनों में इसका संचालन किया जा रहा है। हालांकि पीपीपी मॉडल पर संचालित लैब का संचालन दो वर्ष से ठप है। इन तीनों जांच लैब का संचालन एक ही भवन में होने से रोगियों को परेशानी नहीं होगी और जांच रिपोर्ट का इंतजार करने के लिए वेटिंग हॉल इत्यादि सुविधा होगी।
जांच सुविधा शुरू हो तो मिले लाभ
जिला अस्पताल में ४२ तरह की जांच सुविधा काफी समय से ठप पड़ी है। इससे रोगी व परिजन परेशान हैं। वहीं इन जांचों को कराने के लिए रोगी व परिजन निजी लैब में जाने को मजबूर हैं। यह जांच सुविधा पीपीपी मोड पर संचालित थी। इस लैब में थायरॉइड, एफटी- ३, ४, पीएसए, पीएसए टोओल, सीआरपी कंटीटेटिव जैसी ४२ जांचे शामिल हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रदेश भर में एक प्राइवेट कंपनी से करार कर रखा था। यह योजना आठ माह से बंद पड़ी है। इसे फिर से शुरू करने के लिए जिला अस्पताल प्रशासन ने निदेशालाय को कई बार अवगत करवा चुका है। जांच सुविधा ठप होने के कारण रोगी व परिजनों को प्राइवेट लैब से जांच करवानी पड़ रही है। इसके लिए ४५० रुपए से लेकर ३२०० रुपए तक का शुल्क लिया जाता है। गौरतलब है कि जिला अस्पताल में पीपीपी मोड पर कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर की ओर से प्रदेश के कई अस्पतालों में जांच की सुविधा की जाती थी। लेकिन इस कंपनी के साथ राज्य सरकार का करार अगस्त २०२२ में समाप्त हो गया था। तभी से यह सुविधा ठप पड़ी है।
वर्तमान में यह सुविधा
थायरॉइड, हॉर्मोंन्स, कैंसर, विटामिन-बी, एफटी ३ व ४, पीएसए, लिपिड प्रोफाइल, इंसुलीन, आयरन, सीआरपी कॉन्टीटेटीव, थैलेसिमिया, बौनमेरो, साइटो केमिस्ट्री, एचपीएलसी, हिस्टॉपैथेलॉजी, बायोप्सी, माइक्रोबायलोजी की सीएंडएस जांच आदि ४२ जांच सुविधा प्रभावित हो रही हैं। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक भवन के ग्राउंड फ्लोर आरटीपीसीआर लैब और इसके पास वाले भवन में ५६ तरह की जांचे की जाती है।

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