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हनुमानगढ़

पत्रिका मुददा: इस मानसून सीजन में मरु प्रदेश के बारह जिलों को राहत मिलने की उम्मीद

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हनुमानगढ़. आगामी मानसून सीजन में मरुप्रदेश के बारह जिलों को राहत मिल सकती है। क्योंकि राजस्थान की इंदिरागांधी नहर को पंजाब में जिस हैड वक्र्स से पानी मिलता है, उस हैड की क्षमता बढ़ाने को लेकर पंजाब ने मॉडल स्टडी रिपोर्ट जारी कर दी है।
 

हनुमानगढ़May 26, 2022 / 11:08 am

Purushottam Jha

पत्रिका मुददा: इस मानसून सीजन में मरु प्रदेश के बारह जिलों को राहत मिलने की उम्मीद

पत्रिका मुददा: इस मानसून सीजन में मरु प्रदेश के बारह जिलों को राहत मिलने की उम्मीद

पत्रिका मुददा: इस मानसून सीजन में मरु प्रदेश के बारह जिलों को राहत मिलने की उम्मीद
-पंजाब सरकार ने जारी की मॉडल स्टडी रिपोर्ट
-हरिके हैड वक्र्स से 18500 क्यूसेक चलाने को मिली हरी झंडी
हनुमानगढ़. आगामी मानसून सीजन में मरुप्रदेश के बारह जिलों को राहत मिल सकती है। क्योंकि राजस्थान की इंदिरागांधी नहर को पंजाब में जिस हैड वक्र्स से पानी मिलता है, उस हैड की क्षमता बढ़ाने को लेकर पंजाब ने मॉडल स्टडी रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हरिके हैड वक्र्स से राजस्थान की डिजाइन इंदिरागांधी फीडर में १८५०० क्यूसेक पानी आसानी से चलाया जा सकता है। इसलिए अतिरिक्त गेट बनाने की जरूरत से इनकार किया गया है। वहीं चालू माह में २३ मई को पंजाब के साथ ही राजस्थान की इंदिरगांधी नहर में बड़े स्तर पर रीलाइनिंग कार्य पूर्ण करवाया गया है। इससे नहरों की हालत काफी सुधर गई है। इस स्थिति में आगामी मानसून सीजन में बांधों में सर प्लस पानी की आवक होती है तो इसका लाभ राजस्थान के इंदिरागांधी नहर क्षेत्र के किसानों को मिल सकता है।
इससे पहले के बरसों में सर प्लस पानी की आवक होने पर हरिके डाउन स्ट्रीम के जरिए पाकिस्तान क्षेत्र में पानी प्रवाहित किया जाता रहा है। क्योंकि हरिके हैड वक्र्स से नहर की क्षमता १८५०० क्यूसेक पानी चलाने की स्थिति साफ नहीं थी। साथ ही नहरों की लाइनिंग भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त थी। इस कारण सर प्लस पानी का उपयोग राजस्थान नहीं कर पा रहा था। अब नहरों के रीलाइनिंग का कार्य पूर्ण हो गया है। कमेटी की तरफ से तय डिजाइन के अनुसार पानी चलाने को लेकर हरी झंडी मिलने के बाद अब राजस्थान के अधिकारी रिपोर्ट को लेकर अपने स्तर पर परीक्षण करवाने की तैयारी कर रहे हैं। सबकुछ तय योजना के तहत हुआ तो आने वाले दिनों में हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुंनू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित राजस्थान के बारह जिलों को राहत मिल सकती है।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा
हरिके हैड वक्र्स की क्षमता बढ़ाने को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने ढाई वर्ष पूर्व पंजाब के सीएम से मिलकर हरिके हैड वक्र्स की क्षमता बढ़ाने को लेकर विकल्प तैयार करने का निर्णय लिया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने इस पर मॉडल स्टडी करवाकर इसकी रिपोर्ट के अनुसार हैड वक्र्स से पानी की क्षमता बढ़ाने की बात कही थी। लेकिन लंबे समय बाद भी पंजाब ने रिपोर्ट राजस्थान को नहीं सौंपी। मॉडल स्टडी की कछुआ चाल के चक्कर में राजस्थान का हित लंबे समय से प्रभावित हो रहा था। राजस्थान पत्रिका ने चार मई के अंक में ‘हरिके हैड वक्र्स की क्षमता बढ़ाने की कछुआ चाल, राजस्थान को नहीं मिल सकेगा रीलाइनिंग का लाभÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था।
……फैक्ट फाइल…..
-राजस्थान क्षेत्र में इंदिरागांधी नहर की लंबाई ४४५ किमी है।
-इस नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, चूरू व नागौर सहित प्रदेश के १२ जिलों की प्यास बुझ रही है।
-1958 में इंदिरागांधी फीडर का निर्माण शुरू हुआ था।
-11 अक्टूबर 1961 में राजस्थान में पहली बार इंदिरागांधी नहर की नौरंगदेसर वितरिका में पानी प्रवाहित किया गया था।
……वर्जन….
हम करवाएंगे परीक्षण
हरिके हैड वक्र्स की क्षमता बढ़ाने को लेकर पंजाब ने मॉडल स्टडी रिपोर्ट जारी कर दी है। राजस्थान सरकार स्तर पर अब हम इसका परीक्षण करवाएंगे। उम्मीद है आगे कुछ अच्छा होगा।
-अमरजीत मेहरड़ा, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग हनुमानगढ़

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