जंक्शन पुलिस ने गत दिनों जिला कारागृह से मोबाइल बरामदगी के मामलों की जांच की तो प्रोडक्शन वारंट पर जेल से गिरफ्तार किए गए कुछ आरोपितों ने खुलासा किया था कि उन्हें जेल के अंदर बैरक से ही मोबाइल फोन मिल गया था। वहीं कुछ ने पूछताछ में बताया कि जेल की दीवार के ऊपर से उनकी पहचान के लोगों ने मोबाइल जेल परिसर में फेंके थे। पुलिस बंदियों की ओर से इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन की कॉल डिटेल भी निकलवाती है। इससे यह पता लगाया जाता है कि बंदियों ने जेल में रहते समय किस-किससे बात की।
हनुमानगढ़ जिले में अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें खुलासा हुआ है कि जेल में बैठे-बैठे ही अपराधिक प्रवृति के लोग अपनी पहचान के लोगों को लालच देकर जेल के बाहर हमले करवा रहे हैं। नोहर में जेल प्रहरी सुखदास स्वामी पर हमला करवाने का मामला हो या फिर रावतसर के बहुचर्चित नगर पालिकाध्यक्ष के पति हरवीर सहारण हत्याकांड के गवाह पर फायरिंग करने का मामला हो, इनमें जेल में बैठे-बैठे ही हमले के षड्यंत्र रचे गए।