हनुमानगढ़. जिला कारागृह में उत्पीडऩ एवं अनुचित रूप से बंदियों से पैसे लेने की शिकायत करने पर डिप्टी जेलर से मारपीट के मामले में नया मोड़ आ गया है। चार साल पुराने इस बहुचर्चित प्रकरण में तत्कालीन जेलर सुरेश मीणा को ऊपरी अदालत से भी राहत नहीं मिल सकी है। अपर सेशन न्यायालय संख्या एक में जेलर सुरेश मीणा का विचारण न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध निगरानी आवेदन विचाराधीन था।
एडीजे संख्या एक हनुमानगढ़ ने 15 अप्रेल को सुनवाई करते हुए विचारण न्यायालय के निर्णय में जेलर के खिलाफ प्रसंज्ञान में किसी प्रकार की अशुद्धता व अनियमितता नहीं पाई। विचारण न्यायालय की ओर से पारित आदेश की पुष्टि करते हुए जेलर सुरेश मीणा को अभियुक्त के तौर पर तलब करने के आदेश को सही ठहराया है। ऐसे में अब जेलर मीणा को विचारण न्यायालय में उपस्थित होना होगा। परिवादिया डिप्टी जेलर कविता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंवर ने पैरवी की।
एडीजे संख्या एक हनुमानगढ़ ने 15 अप्रेल को सुनवाई करते हुए विचारण न्यायालय के निर्णय में जेलर के खिलाफ प्रसंज्ञान में किसी प्रकार की अशुद्धता व अनियमितता नहीं पाई। विचारण न्यायालय की ओर से पारित आदेश की पुष्टि करते हुए जेलर सुरेश मीणा को अभियुक्त के तौर पर तलब करने के आदेश को सही ठहराया है। ऐसे में अब जेलर मीणा को विचारण न्यायालय में उपस्थित होना होगा। परिवादिया डिप्टी जेलर कविता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंवर ने पैरवी की।