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हनुमानगढ़

बंदियों से बंधी लेने की शिकायत पर डिप्टी जेलर से मारपीट मामले में जेलर को नहीं राहत

डिप्टी जेलर से मारपीट मामले में जेलर को नहीं राहत

हनुमानगढ़Apr 26, 2024 / 09:16 pm

adrish khan

डिप्टी जेलर से मारपीट मामले में जेलर को नहीं राहत

डिप्टी जेलर से मारपीट मामले में जेलर को नहीं राहत

Hanumangarh Jila Jail : चार साल पुराने इस बहुचर्चित प्रकरण में तत्कालीन जेलर सुरेश मीणा को ऊपरी अदालत से भी राहत नहीं मिल सकी है। एडीजे संख्या एक हनुमानगढ़ ने विचारण न्यायालय के निर्णय में जेलर के खिलाफ प्रसंज्ञान में किसी प्रकार की अशुद्धता व अनियमितता नहीं पाई। जेलर सुरेश मीणा को अभियुक्त के तौर पर तलब करने के आदेश को सही ठहराया है।
हनुमानगढ़. जिला कारागृह में उत्पीडऩ एवं अनुचित रूप से बंदियों से पैसे लेने की शिकायत करने पर डिप्टी जेलर से मारपीट के मामले में नया मोड़ आ गया है। चार साल पुराने इस बहुचर्चित प्रकरण में तत्कालीन जेलर सुरेश मीणा को ऊपरी अदालत से भी राहत नहीं मिल सकी है। अपर सेशन न्यायालय संख्या एक में जेलर सुरेश मीणा का विचारण न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध निगरानी आवेदन विचाराधीन था।
एडीजे संख्या एक हनुमानगढ़ ने 15 अप्रेल को सुनवाई करते हुए विचारण न्यायालय के निर्णय में जेलर के खिलाफ प्रसंज्ञान में किसी प्रकार की अशुद्धता व अनियमितता नहीं पाई। विचारण न्यायालय की ओर से पारित आदेश की पुष्टि करते हुए जेलर सुरेश मीणा को अभियुक्त के तौर पर तलब करने के आदेश को सही ठहराया है। ऐसे में अब जेलर मीणा को विचारण न्यायालय में उपस्थित होना होगा। परिवादिया डिप्टी जेलर कविता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंवर ने पैरवी की।

पहले सिर्फ एक पर प्रमाणित

डिप्टी जेलर कविता बिश्नोई ने तीन अप्रेल 2020 को जंक्शन थाने में तत्कालीन जेलर सुरेश मीणा व उसकी पत्नी इंदू मीणा के खिलाफ मारपीट, घर में घुसने आदि के आरोप में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के दौरान आईपीसी की धारा 323, 504 में केवल जेलर की पत्नी के खिलाफ ही अपराध प्रमाणित माना था। इस पर परिवादिया के अधिवक्ता विनोद सिंवर ने नाराजी पेटीशन पेश कर परिवादिया व अन्य गवाहों के बयान करवाए गए, सरसरी साक्ष्य समाप्त की गई। परिवादिया के अधिवक्ता ने विचारण न्यायालय सीजेएम हनुमानगढ़ का पत्रावली पर मौजूद साक्ष्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया। आठ दिसम्बर 2021 को कोर्ट ने जेलर व उसकी पत्नी के खिलाफ अपराधिक कार्यवाही प्रारंभ किए जाने के प्रथमदृष्ट्या दोनों प्रसंज्ञान लेकर अभियुक्त के रूप में तलब किया था। साथ ही प्रकरण नम्बरी फौजदारी के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया था।

जेल व मामला रहा चर्चा में

जिला कारागृह वैसे तो बंदियों से मोबाइल फोन सहित अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद होने तथा बंदियों से मारपीट को लेकर कई बार चर्चा में रह चुका है। मगर जेल प्रशासन के एक अधिकारी के दूसरे अधिकारी पर मारपीट, बंदियों से पैसे लेने, प्रताडऩा आदि का घटनाक्रम 2020 में ही पहली बार सामने आया था। इसलिए यह मामला बहुत चर्चा में रहा था। हालांकि डिप्टी जेलर ने मामला दर्ज कराने से पहले जेलर सुरेश मीणा के खिलाफ प्रशासन से पहले मौखिक शिकायत की थी। प्रशासनिक स्तर पर बातचीत के जरिए मामला सुलझाने का प्रयास किया गया था जो सिरे नहीं चढ़ सका।
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