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हनुमानगढ़

खोया बालक बरसों बाद लौटा, मां ने नहीं पहचाना, देना होगा प्रमाण

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हनुमानगढ़Mar 16, 2019 / 11:59 am

Purushottam Jha

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खोया बालक बरसों बाद लौटा, मां ने नहीं पहचाना, देना होगा प्रमाण


ग्रामीणों ने पहचाना, डीएनए जांच की मांग
हनुमानगढ़ के नोहर तहसील में लडक़पन में घर से गायब किशोर बरसों बाद घर लौटा। मगर अपने आंगन में लौटने की खुशी थोड़ी ही देर में काफूर हो गई। उसे ग्रामीणों व कई रिश्तेदारों ने तो पहचान लिया। लेकिन मां, भाई आदि ने पहचानने से इनकार कर दिया। लिहाजा, मामला पुलिस तक पहुंच गया। बरसों बाद गांव लौटे दिनेश वर्मा उर्फ दीना को अब दीना होने के लिए सबूत देना होगा। इसके लिए ग्रामीणों ने पुलिस से उसकी डीएनए जांच कराने की मांग की है। पुलिस मामले को सुलझाने में जुटी हुई है। यह फिल्मनुमा मामला गांव रायसिंहपुरा में सामने आया है।
गांव से करीब १६ बरस पहले वर्ष 2००2 में चौदह वर्ष की उम्र में दिनेश वर्मा अचानक गायब हो गया था। गांव में दर्जी का काम करने वाला दीना कैंची के धार लगवाने गांव से नोहर आया था। उसके बाद वह लापता हो गया। उसकी कोई खैर-खबर परिजनों को नहीं मिली। इस संबंध में गुमशुदगी रिपोर्ट नोहर थाने में दर्ज करवाई गई। मां-बाप व छोटे भाई-बहन उसके अचानक गायब हो जाने से बरसों तक आंसू बहाते रहे। पुलिस ने कई जगह पड़ताल की। मगर उसका कहीं पता नहीं चला। अब शुक्रवार सुबह अचानक दिनेश वर्मा गांव पहुंच गया। सोलह वर्ष से अधिक समय बाद लौटे दिनेश ने गांव के कई जनों को पहचान लिया।
पहचान से इनकार
जब दिनेश घर पहुंचा तो उसे देखकर परिजनों ने सवालों की झड़ी लगा दी। दीना की मां व भाई ने यह मानने से इनकार कर दिया है कि वह २००२ में गायब होने वाला बालक दीना है। यद्यपि गांव के कई ग्रामीणों व रिश्तेदारों ने उसे पहचान लिया है। मगर परिजनों के समक्ष दीना साबित करने के लिए उसे शायद अभी और प्रमाण देने होंगे। गांव में इस घटना का जिस किसी को भी पता चला, वह दीना के घर की ओर दौड़ पड़ा। सब अपने-अपने स्तर पर दीना की परीक्षा लेने में जुट गए। अधिकतर सवालों व पूछताछ का उसने सही जवाब भी दिया। लेकिन उसके परिजन असमंजस की स्थिति में हैं। ऐसे में बात पुलिस तक जा पहुंची। शुक्रवार दोपहर को ग्रामीण दीना को लेकर पुलिस थाने पहुंच गए। उन्होंने थाना प्रभारी विक्रमसिंह चारण से मिल उनको पूरी कहानी बताई। पुलिस पड़ताल में जुटी हुई है। ले गए जीप
में बैठाकर वर्ष 2००2 के दिनेश वर्मा उर्फ दीना व आज के दीना में काफी फर्क है। उस समय का चंचल दीना अब गुमसुम सा युवक बन गया है। आंसू पोंछते हुए दीना ने बताया कि उसे कुछ जने जीप में बैठाकर पंजाब के किसी गांव में ले गए। वहां उसे पोस्त जैसा नशा भी दिया गया। उससे जबरन ट्रकों की धुलाई व माल ढुलाई आदि कार्य करवाए जाते। पूरे दिन सिर्फ दो या तीन रोटी में ही गुजारा करना पड़ता। नशे के कारण दीनेश उर्फ दीना ज्यादा कुछ बताने की स्थिति में नहीं था।

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