मीरा कॉलेज को लेकर बजट की उपलब्धता के आधार पर होगा फैसला
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मीरा कॉलेज को लेकर बजट की उपलब्धता के आधार पर होगा फैसला
मीरा कॉलेज को लेकर बजट की उपलब्धता के आधार पर होगा फैसला
हनुमानगढ़. संगरिया स्थित मीरा कन्या महाविद्यालय के सरकारीकरण व उसके संचालन का फैसला बजट की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री इस पर नजर रखे हुए हैं। यह उनके स्तर का कार्य है। सरकार बजट व जनता के हित के आधार पर ही निर्णय करेगी। मीरा कॉलेज के सरकारीकरण संबंधी सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा ने यहां पत्रकारों यह बात कही। बेरोजगारों के साढ़े तीन हजार रुपए मासिक भत्ते के प्रश्न पर डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र अब सरकारी दस्तावेज बन चुका है। सभी बिन्दुओं पर जमीनी स्तर पर कार्य होगा। घोषणा पत्र लागू करने के लिए सरकार के पास पांच साल का समय होता है। इसे किस तरह, कब लागू किया जाएगा, इसको लेकर तैयारियां चल रही हैं।
स्पिनिंग संचालन पर शिक्षा मंत्री बोले कि पिछली सरकार ने कार्य तो कुछ किया नहीं और जो संस्थान चल रहे थे उन्हें बंद कर दिया। कांग्रेस सरकार समीक्षा कर रही है। मिल संचालन को लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों से भी राय ली जाएगी, जो जनहित में होगा वही फैसला किया जाएगा।
यही स्थिति बंद स्कूलों लेकर है। अगर कहीं पर्याप्त संख्या में विद्यार्थी हैं और स्थानीय स्तर पर मांग है तो फिर वहां समायोजन के तहत बंद किए गए स्कूल फिर से खोले जाएंगे। इसके लिए अभी समय है। क्योंकि बीच सत्र यह फैसला नहीं किया जा सकता। सम्पूर्ण कर्जमाफी पर डोटासरा ने कहा कि पिछली सरकार ने आठ हजार करोड़ रुपए कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। लेकिन किया सिर्फ दो हजार करोड़ ही। इस तरह छह हजार करोड़ रुपए तो पिछली सरकार की घोषणा का बकाया है। शेष अभी नई कर्जमाफी का है। कुल 18 हजार करोड़ रुपए की कर्जमाफी की योजना है। नि:संदेह किसानों की कर्जमाफी होगी।