तब जाकर रोगी से दुष्कर्म के प्रयास का मामला सामने आया। इसके बावजूद आरोपित मेल नर्स आनंद प्रकाश पूनिया को केवल आईसीयू इंचार्ज के पद से ही हटाया गया। मगर मीडिया में प्रमुखता से मामला उछलने पर शहर के विभिन्न संगठनों ने छह जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया। जिला कलक्टर ने पीएमओ से जवाब मांगा तथा तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद छह जुलाई को आरोपित मेल नर्स को निलम्बित कर मुख्यालय बीकानेर किया गया। हालांकि इस घटना को लेकर पीडि़ता के परिजनों की ओर से अब तक थाने में कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है। अस्पताल के आईसीयू में भर्ती ह्रदय रोग से पीडि़त महिला से भर्ती कराने के तीन दिन बाद 24 जून की रात दुराचार का प्रयास किया गया।
आईसीयू इंचार्ज आनंदप्रकाश पूनिया ने रोगी की माता तथा ड्यूटी नर्स को बाहर भेजकर रोगी का चेकअप करने की बात कही। लेकिन काफी समय तक जब वह आईसीयू कक्ष से बाहर नहीं निकला तो रोगी की माता जबरन अंदर चली गई। भीतर का दृश्य देख वह हिल गई। रोगी के परिजनों ने अन्य चिकित्सा कर्मियों से शिकायत की। फिर चिकित्सा कर्मियों ने ड्यूटी डॉक्टर व अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी। अस्पताल प्रबंधन ने मेल नर्स पूनिया के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय मामले की लीपापोती शुरू कर दी। अगले दिन 25 जून को ह्रदय रोग पीडि़त महिला को बीकानेर रेफर कर दिया गया।
परिजन वहां इलाज में व्यस्त हो गए। इस संबंध में पीएमओ से मौखिक शिकायत भी की गई। इसके बाद पांच जुलाई को आनंदप्रकाश पूनिया को आईसीयू इंचार्ज के पद से हटा दिया गया। यह मामला छह जुलाई को सूर्खियों में छाया रहा। इसके बाद शहर के विभिन्न संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग की। तब जाकर छह जुलाई को दोपहर बाद आरोपित पूनिया के निलम्बन का आदेश जारी हुआ।