जिले में कपास की फसल को सफेद सोने के नाम से जाना जाता है। जिले में औसतन करीब दो लाख हैक्टेयर में इसकी खेती हो रही है। गत बरसों में इसके रेट भी दस हजार रुपए प्रति क्विंटल रहे हैं। इस स्थिति में किसानों को अच्छी आमदनी हुई। लेकिन अब बीटी कपास में कुछ कीट का प्रकोप आने से किसानों में बेचैनी बढ़ रही है। सफेद सोने की आवक से मंडी में खूब चमक रहती है। इसके उत्पादन से सरकार को लाखों रुपए का टैक्स भी प्राप्त हो रहा है।
जिले में इन दिनों कपास की आवक हो रही है। हनुमानगढ़ जंक्ïशन में नरमा के भाव 6500, डबलीराठान मंडी में 5697, हनुमानगढ़ टाउन मंडी में 6300, रावतसर मंडी में 6550 रुपए प्रति क्ंिवटल बिक रहा है। आगे अप्रेल-मई में फिर से इसकी बिजाई शुरू होगी। इसके तहत विभागीय अधिकारी किसानों को कीट प्रकोप आदि से बचाव की जानकारी दे रहे हैं।
सावचेती बरतने की सलाह
जिले में खरीफ सीजन की प्रमुख फसल कपास है। इससे किसानों की जेब में अच्छी खासी नकदी आती है। गत वर्ष गुलाबी सुंडी के प्रकोप से कपास में नुकसान हुआ था। अबकी बार बिजाई के समय ही बचाव संबंधी कुछ सावचेती बरतने की सलाह किसानों को दी जा रही है। ताकि इस फसल में कीट प्रकोप का नियंत्रण किया जा सके।
-बीआर बाकोलिया, सहायक निदेशक, कृषि विभाग हनुमानगढ़