वर्तमान में जहां काफी विलंब से एमएलए फंड का अलॉटमेंट किया गया है, वहीं एक दौर ऐसा भी रहा है जब राजस्थान के एमएलए ने लापरवाही के चलते करोड़ों रुपए खर्च ही नहीं किए। वर्ष २०११ से २०१६ के बीच राजस्थान में एमएलए फंड से आवंटित राशि में से १०९३ करोड़ रुपए खर्च नहीं होने का जिक्र पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने हाल ही में प्रदेश में विधायकों की बैठक के दौरान किया था। विकास की बाट जोह रहे गांवों की सूरत बदलने के लिए चाहिए कि विधायक अपने कर्तव्य को जानें और प्राप्त बजट का सही उपयोग करना भी सीखें।
भिजवा दी सूचना
हाल ही मेें एमएलए फंड से बजट अलॉटमेंट होने के बाद सभी विधायकों को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य संबंधी प्रस्ताव भिजवाएं। विकास कार्यों की अभिशंषा प्राप्त होने के बाद वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी करके कार्य पूर्ण करवाने का प्रयास रहेगा।
परशुराम धानका, सीईओ, जिला परिषद हनुमानगढ़