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अब हनुमानगढ़ जिले के बचेंगे करोड़ों, 60 करोड़ की बजाय अब 30 से 35 करोड़ ही जाएंगे सरकारी खजाने में

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हनुमानगढ़. सरकार की ओर से कृषक कल्याण फीस में कमी करने के फैसले से अब हनुमानगढ़ जिले के करोड़ों रुपए बचेंगे। क्योंकि हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिला कृषि प्रधान है। यहां फल-सब्जियों के साथ ही गेहूं, जौ, धान, सरसों, कपास, मूंग, मोठ आदि फसलों की अच्छी पैदावार होती है। इन जिंसों के कारोबार से मंडी समितियों को करोड़ों का टैक्स प्राप्त होता है।
 

हनुमानगढ़May 24, 2020 / 09:37 am

Purushottam Jha

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अब हनुमानगढ़ जिले के बचेंगे करोड़ों, 60 करोड़ की बजाय अब 30 से 35 करोड़ ही जाएंगे सरकारी खजाने में
-कृषि प्रधान हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर जिले में खेती ही है आय का बड़ा साधन
हनुमानगढ़. सरकार की ओर से कृषक कल्याण फीस में कमी करने के फैसले से अब हनुमानगढ़ जिले के करोड़ों रुपए बचेंगे। क्योंकि हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिला कृषि प्रधान है। यहां फल-सब्जियों के साथ ही गेहूं, जौ, धान, सरसों, कपास, मूंग, मोठ आदि फसलों की अच्छी पैदावार होती है। इन जिंसों के कारोबार से मंडी समितियों को करोड़ों का टैक्स प्राप्त होता है।
सरकार की ओर से पूर्व में जारी निर्देश में सभी फसलों पर खरीद एजेंसियों से किसान कल्याण फीस के नाम पर दो रुपए प्रति सैंकड़ा वसूलने का निर्णय लिया गया था। लेकिन अब सरकार ने अपने फैसले में संसोधन कर किसान कल्याण फीस में काफी कमी कर दी है। इससे हनुमानगढ़ जिले के करोड़ों रुपए अब बच सकेंगे। एक अनुमान के मुताबिक हनुमानगढ़ जिले से दो रुपए प्रति सैंकड़ा के हिसाब से फीस वसूलने पर करीब ६० करोड़ रुपए का शुल्क सरकार को प्राप्त होना था।
लेकिन अब इसमें कमी करने के कारण सरकार को मात्र ३० से ३५ करोड़ रुपए की प्राप्ति हो सकेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने २२ मई को संसोधन आदेश जारी किए हैं। इसमें फल व सब्जियों पर प्रति सैंकड़ा दो रुपए शुल्क को पहले की तरह यथावत रखा है। जबकि बाजरा, जीरा, इसबगोल, मक्का आदि फसलों पर किसान कल्याण फीस की राशि अब प्रति सैंकड़ा पचास पैसे कर दिया गया है। इसी तरह मंडी समितियों में अन्य फसलों पर किसान कल्याण फीस की राशि दो रुपए प्रति सैंकड़ा से घटाकर अब इसे एक रुपए प्रति सैंकड़ा कर दिया है। इसी तरह ऊन के कारोबार पर किसान कल्याण फीस नहीं वसूला जाएगा। इस फैसले को व्यापारियों व किसान हितों के संदर्भ में देखा जा रहा है।
वसूली योग्य राशि पर नजर
इसी माह पांच मई को सरकार ने वसूली को लेकर निर्देश जारी किया था। इसमें एमएसपी से अलग फसलों की बात करें तो पांच से १६ मई तक जिले की भादरा मंडी में ०.९४, गोलूवाला में १.२०, हनुमानगढ़ में ७.०१, नोहर में १.७८, पीलीबंगा में १.९३, रावतसर में ०.३३, संगरिया में ०.८५ लाख रुपए किसान कल्याण फीस मद मेें वसूलनीय है। जबकि समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीद की एवज में लाखों रुपए अलग से किसान कल्याण फीस मद में जमा होंगे।
मंडी में रहेगा पैसा
पहले के आदेश के मुताबिक हनुमागनढ़ जिले से साठ करोड़ व इतना ही श्रीगंगानगर जिले से राजस्व प्राप्त होने का अनुमान था। लेकिन अब किसान कल्याण फीस वसूली के संशोधित आदेश के लागू होने पर दोनों जिलों से आधी राशि ही सरकारी खजाने में जमा हो पाएगी। इससे कृषि क्षेत्र की बड़ी आमदनी मंडी में व्यापारियों व अन्य खरीद एजेंसियों के पास रह सकेगी। व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी सभी तरह के टैक्स जोडक़र फिर फसल का भाव लगाते हैं। ऐसे में आमजनता को भी फीस कमी का लाभ मिलेगा।
……फैक्ट फाइल…..
-हनुमानगढ़ जिले से पहले ६० करोड़ वसूली का था अनुमान।
-अब फीस आधी करने से ३० से ३५ करोड़ वसूले जाने की उम्मीद।
-०५ मई को सरकार ने पहली बार किसान कल्याण फीस वसूली का जारी किया था निर्देश।
-२२ मई को सरकार ने जारी किया संशोधित आदेश।
……वर्जन….
कृषक कल्याण फीस में कमी करने से अब इस मद में पहले की तुलना में आधी राशि ही जमा हो जा सकेगी। दो रुपए के हिसाब से पूर्व में करीब साठ करोड़ की वसूली का अनुमान था, जो अब ३० से ३५ करोड़ के बीच होगी। संशोधित आदेश लागू हो गया है।
-सुभाष सहारण, उप निदेशक, कृषि विपणन विभाग हनुमानगढ़
सबको राहत
किसान कल्याण फीस में कमी करने से सबको राहत मिली है। खरीद एजेंसी को पहले दो रुपए प्रति सैंकड़ा शुल्क देना होता था, अब एक रुपए देने से एक रुपए बच जाएगा। इस तरह करोड़ों रुपए मंडी में ही रहेगा।
महावीर सहारण, अध्यक्ष, फूडग्रेन व्यापार मंडल हनुमानगढ़
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