इसी के चलते मंगलवार शाम को यहां चना भूनने का काम करने वाले परिवार के कुछ बच्चे खेल रहे थे। इसी दौरान सात माह की दूधमुहीं बच्ची इस नाले में औंधे मुंह गिर गई। नाले में जमी गाद में फंसी बच्ची को ढूंढने में हुई और देरी के चलते बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई।
हरियाणा के जींद जिले के मोरखी गांव निवासी सतवीर सिंह ने बताया कि गांव में फाकाकशी की नौबत के चलते काम की तलाश में उसका परिवार यहां सडक़ किनारे चने भूनने का काम कर जीवन यापन करता है। लेकिन मंगलवार शाम को अचानक हुए हादसे में उनकी दूधमुहीं बच्ची काल के गाल में समा गई। युवक लतीफ नागरा ने बताया कि वह अनाज मंडी में अपने काम में जुटा हुआ था। अचानक महिला की चीख पुकार सुनकर वह दौड़ा तो देखा की गाद से भरे पानी में महिला अपनी बच्ची को तलाश कर रही थी। ऐसा देखकर नाले में ऊतर गया और अंदर धंसी बच्ची को बाहर निकाल चिकित्सालय पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
नागरिकों ने बताया कि नाले की लम्बे समय से सफाई नहीं होने से इसमें कई फीट गाद जमी हुई थी। वहीं इस घटना के तुरंत बाद मृतक बच्ची का परिवार शव लेकर अपने हरियाणा के पैतृक गांव लौट गया। जिससे इस घटना की किसी को कानो कान खबर तक नहीं लगी। पुलिस या नगरपालिका कार्यालय में भी इस घटना को लेकर कोई वाद-परिवाद दर्ज नहीं हुआ।