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हनुमानगढ़

इंदिरा जयंती पर नहीं मिलेगा पुरस्कार, मतगणना के बाद तय होगी वितरण की तिथि

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हनुमानगढ़. इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार बुधवार को इंदिरा गांधी जयंती पर नहीं दिया जाएगा। नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना के बाद पुरस्कार वितरण की कोई तिथि तय की जा सकती है।

हनुमानगढ़Nov 17, 2019 / 12:24 pm

adrish khan

इंदिरा जयंती पर नहीं मिलेगा पुरस्कार, मतगणना के बाद तय होगी वितरण की तिथि

इंदिरा जयंती पर नहीं मिलेगा पुरस्कार, मतगणना के बाद तय होगी वितरण की तिथि

इंदिरा जयंती पर नहीं मिलेगा पुरस्कार, मतगणना के बाद तय होगी वितरण की तिथि
– इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार वितरण समारोह स्थगित होने की संभावना
– नगरीय निकाय चुनाव मतगणना के कारण स्थगित किया गया समारोह
हनुमानगढ़. इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार बुधवार को इंदिरा गांधी जयंती पर नहीं दिया जाएगा। नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना के बाद पुरस्कार वितरण की कोई तिथि तय की जा सकती है। संभावना है कि अगले बरस गार्गी पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान भी इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार नहीं बांटे जाएंगे। इससे पहले ही चुनाव आचार संहिता हटने के बाद पुरस्कार वितरित कर दिया जाएगा। वैसे अब तक शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों के पास पुरस्कार समारोह स्थगित किए जाने का कोई आदेश नहीं आया है। मगर इंदिरा गांधी जयंती पर बुधवा को पुरस्कार वितरित करने को लेकर भी फिलहाल कोई निर्देश नहीं है। गत माह पुरस्कार पुन: इंदिरा गांधी जयंती पर शुरू करने को लेकर जो सूचना आई थी, अब तक वही अधिकारियों के पास है। बुधवार को मतगणना है, ऐसे में वितरण की संभावना न के बराबर है। विभागीय अधिकारियों की माने तो चयनित छात्राओं व परिजनों को कोई निमंत्रण नहीं दिया गया है। पुरस्कार वितरण स्थगित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार इंदिरा गांधी जयंती पर चार साल बाद फिर से वितरित करने को लेकर पिछले दिनों ही आदेश आए थे। पुरस्कार वितरण की तारीख और उसका नाम फिर से पूर्व की भांति करने के साथ छात्राओं को लाभान्वित करने का दायरा भी बढ़ाया गया था। 2015 में इसका नाम बदल पद्माक्षी कर दिया था। इंदिरा गांधी जयंती की बजाय जनवरी में गार्गी पुरस्कार के साथ दिया जाने लगा था। अपने वर्ग में जिले में प्रथम छात्रा को यह पुरस्कार मिलता है। यह पुरस्कार सरकार ने वर्ष 2008-09 में शुरू किया था। पहले बतौर पुरस्कार छात्रा को प्रशस्ति पत्र के साथ चालीस व पचास हजार रुपए का चेक दिया जाता था। बाद में वर्ष यह राशि चालीस से बढ़ाकर पिचहत्तर हजार तथा एक लाख रुपए कर दी गई थी। कक्षा दस की छात्राओं को पिचहत्तर हजार तथा बारहवीं की छात्राओं को एक लाख रुपए दिए जाते हैं। जबकि कक्षा आठवीं की छात्राओं को चालीस हजार रुपए दिए जाते हैं। बारहवीं की छात्राओं को राशि के साथ-साथ स्कूटी भी दी जाती है।

कितनी छात्राएं प्रतीक्षा में
प्रत्येक जिले में कक्षा 8, 10 व 12 की आठ-आठ छात्राओं को यह पुरस्कार दिया जाता है। इसमें सामान्य, ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, एसबीसी, अल्पसंख्यक, बीपीएल व दिव्यांग वर्ग से एक छात्रा का चयन किया जाता है। प्रदेश भर में कुल 1320 छात्राएं पुरस्कार की प्रतीक्षा कर रही हैं। पहले बारहवीं कक्षा में जिले से केवल आठ छात्राओं का चयन होता था। अब प्रत्येक जिले में बारहवीं कक्षा की 24 छात्राओं को पुरस्कार दिया जाएगा। आठ-आठ छात्राओं का चयन कला, विज्ञान व वाणिज्य संकाय से किया गया है।
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