चौक-चौराहों पर नतीजा घोषित कराने पर एतराज, शिक्षक संगठनों में विरोध
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चौक-चौराहों पर नतीजा घोषित कराने पर एतराज, शिक्षक संगठनों में विरोध
चौक-चौराहों पर नतीजा घोषित कराने पर एतराज
– सार्वजनिक स्थल पर बाल सभा आयोजित कर परीक्षा परिणाम घोषित कराने का आदेश
– शिक्षक संगठनों में विरोध
हनुमानगढ़. सरकारी पाठशालाओं का परीक्षा परिणाम पास ही के पब्लिक पैलेस पर बाल सभा आयोजित कर वहां घोषित करने संबंधी सरकारी आदेश का विरोध शुरू हो गया है। सार्वजनिक स्थल पर समारोहपूर्वक इम्तिहान के नतीजे जारी करने के दौरान आने वाली व्यावहारिक दिक्कतों के चलते इस आदेश पर एतराज जताया जा रहा है। इसे वापस लेने की मांग की जा रही है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी इस आदेश को विद्यालय के परीक्षा परिणाम में सुधार, उसकी ब्राडिंग, पारदर्शिता, विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाया कदम बता रहे हैं।
दरअसल, राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग के जरिए इस साल यह व्यवस्था कराई है कि सभी सरकारी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम एक साथ नौ मई को सार्वजनिक स्थल पर जारी किया जाए। पाठशाला के पास स्थित पब्लिक पैलेस पर बाल सभा का आयोजन कर परीक्षा परिणाम घोषित किया जाए। इसमें कक्षा पांच, आठ, दस व बारह को बोर्ड परीक्षा होने के कारण शामिल नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि कक्षा पहली से ग्यारहवीं तक के नतीजे नौ मई को घोषित किए जाएंगे।
व्यवस्था को लेकर परेशानी
जानकारी के अनुसार शिक्षक संगठनों व संस्था प्रधानों की आशंका है कि सार्वजनिक स्थल पर सैकड़ों बच्चों व ग्रामीणों को एकत्र करने में बहुत परेशानी होगी। फिर इसके लिए कोई बजट भी नहीं दिया जा रहा है। पौने घंटे की बाल सभा के दौरान विद्यार्थियों व अतिथियों के लिए पेयजल आदि की व्यवस्था भी करनी होगी। अब शिक्षक इस कार्य में व्यस्त रहेंगे तो फिर अन्य व्यवस्थाएं कौन संभालेगा।
बालिका स्कूलों की चिंता
जानकारों के अनुसार सबसे अधिक चिंता बालिका स्कूलों के संस्था प्रधानों को है। क्योंकि सार्वजनिक स्थलों पर बाल सभा में बालिकाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुति पर अभिभावक आपत्ति जता सकते हैं। यदि कार्यक्रम में कोई असामाजिक तत्व पहुंच जाए तो सुरक्षा आदि को लेकर भी सतर्कता बरतनी पड़ेगी। पाठशाला में यह आयोजन हो तो ऐसी परेशानियां नहीं आएंगी।
कोई लाभ नहीं
पब्लिक पैलेस पर बाल सभा कर परिणाम घोषित कराने की व्यवस्था का कोई लाभ नहीं है। इससे तो संस्था प्रधानों की समस्याएं ही बढ़ेंगी। बड़ी मुश्किल से सरकारी पाठशालों में नामांकन बढ़ा है। इस तरह के अव्यावहारिक आदेशों से कहीं पुन: नामांकन नहीं घट जाए। व्यवस्था बनाए रखने में संस्था प्रधानों व शिक्षकों को बहुत दिक्कत आएगी। – हंसराज बिस्सु, जिलाध्यक्ष राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ।
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