मुख्य रेलवे प्रवेशद्वार की तरफ यात्रियों को नहीं पड़ेगा जाना
रेल यात्रियों के लिए सैकेण्ड विंडो काफी लाभदायक रहेगी। सैकेण्ड विंडो की तरफ पार्किंग की व्यवस्था भी गई है और सामान्य श्रेणी और आरक्षित श्रेणी की टिकटें भी उपलब्ध रहेंगी। सैकेण्ड विंडो चौबीसों घंटे कार्य करेगी। इससे यात्रियों को मुख्य प्रवेश द्वार की तरफ नहीं जाना पड़ेगा। यात्री रेलगाड़ी से उतर कर सीधे द्वितीय प्रवेश द्वार की तरफ आ सकेंगे और रेलगाड़ी में सवार होने के लिए सीधे सैकेण्ड विंडो की तरफ से ही जा सकेंगे।
झांडिय़ां उत्पन्न कर सकती हैं समस्या
हनुमानगढ़. रेलवे ने सैकेण्ड विंडो तो तैयार कर दी है। सैकेण्ड विंडो के बाहर स्र्कूलेटिंग एरिया भी शानदार तैयार किया है, जिसमें विशाल पार्किंग भी बनाई गई है लेकिन सैकेण्ड विंडो और स्र्कूलेटिंग एरिया से बाहर कुछ कमियां यथावत हैं, जो भविष्य में बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है। सैकेण्ड विंडो तक शहर के नागरिक दो तरफ से पहुंच सकेंगे। इसके लिए एक मार्ग रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से हो कर बाबा रामदेव मंदिर, जीआरपी थाना, रेलवे होस्पीटल के आगे से होते हुए पहुंचा जा सकता है। दूसरा मार्ग कचहरी मार्ग पर जाट भवन के पास से गांधी नगर के मध्य से होते हुए पहुंचा जा सकता है। सैकेण्ड विंडो के लिए यह दोनों रास्ते हैं, मगर इन पर रेलवे की तरफ से अभी ध्यान नहीं दिया गया है। हालांकि सड़क बनी हुई है मगर रात्रि में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है और सैकेण्ड विंडो के बिलकुल सामने की तरफ बड़ी-बड़ी झांडियां भी यथावत हैं, जिन्हें कटवा कर साफ करवाया जाना जरूरी है, अन्यथा भविष्य में वह बड़ी परेशानी उत्पन्न कर सकती हैं।
७० फीसदी आबादी होगी लाभान्वित
हनुमानगढ़. रेलवे लाइनों के चलते शहर दो भागों में विभक्त है। शहर की अधिकांश आबादी और कालोनियां एवं सरकारी कार्यालय रेलवे स्टेशन के उत्तरी तरफ हैं। दक्षिणी तरफ मुख्य बाजार, बसस्टेण्ड और आधा दर्जन कालोनियां हैं। हालांकि वर्ष 1902 में जब हनुमानगढ़ से भठिण्डा-सूरतगढ़-बीकानेर रेलखण्ड की मीटरगेज रेल गाइन निकली थी तो उस समय शहर रेलवे स्टेशन के दक्षिणी तरफ ही था। आजादी से पहले तहसील, पुलिस थाना सहित चंद सरकारी कार्यालय पुराने शहर यानि वर्तमान के हनुमानगढ़ टाउन में हुआ करते थे। 1970 के दशक के बाद जंक्शन विस्तार होना शुरू हुआ और सबसे पहले अनाज मंडी एवं सिंचाई-बिजली के कुछ कार्यालय उत्तरी तरफ स्थापित हुए। 1995 में हनुमानगढ़ के जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय के तमाम सरकारी कार्यालय और आबादी रेलवे स्टेशन की उत्तरी भाग की तरफ विस्तार होने लगी। ऐसे में वर्तमान में शहर दो भागों में विभक्त हो गया है और जिला मुख्यालय की 7०-७५ फीसदी आबादी रेल लाइन के उत्तरी तरफ है।
हनुमानगढ़. रेलवे स्टेशन जाने के लिए शहर वासियों को लम्बा चक्कर निकाल कर जाना पड़ता है। जिला कलेक्ट्रेट, अनाज मंडी, सिविल लाइंस, आवासन मंडल कालोनी, सेक्टर छह, नौ, सुरेशिया, खुंजा आदि से फोर व्हीलर पर रेलवे स्टेशन जाने के लिए श्रीगंगानगर मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज, गांधी नगर स्थित अण्डर ब्रिज अथवा चूना फाटक स्थित रेलवे क्रॉसिंग हो कर जाना पड़ता है। यह लम्बा और भीड़भाड़ वाला क्षेत्र है। ऐसे में सैकेण्ड विंडो बनने से इन सब क्षेत्रों के निवासियों को रेलवे स्टेशन जाने के लिए लम्बी दूरी तय नहीं करनी पड़ती है और ना ही भीड़-भाड़ से गुजरना पड़ेगा। इससे प्रतिदिन हजारों लोगों की पेट्रोल-डीजल और समय की भारी बचत होगी।
जनता को मिलेगा लाभ
&हनुमानगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर द्वितीय प्रवेश द्वार (सैकेण्ड विंडो) की मांग शहरवासियों की लगभग दो दशक पुरानी थी, इसे रेलवे ने स्वीकार भी कर लिया है, निर्माण पूर्ण हो गया है, उम्मीद है रेलवे इसे जल्द शुरू कर देगा, इससे आमजन को भारी राहत मिलेगी। – प्यारे लाल बंसल, अध्यक्ष, व्यापार मंडल, हनुमानगढ़।
क्या कहते हैं अधिकारी
&रेलवे स्टेशन पर द्वितीय प्रवेश द्वार का सिविल वर्क पूर्ण हो गया है। इसे अस्थाई तौर पर शुरू भी कर दिया गया है। कार्य पूर्ण कर प्रस्ताव बीकानेर मंडल कार्यालय में भिजवा दिया है। उम्मीद है इसे वहां से जल्द ही विधिवत शुरू कर दिया जाएगा। – विक्रम बडग़ूजर, सहायक मंडल इंजीनियर, हनुमानगढ़।