खिलाडिय़ों से धोखाधड़ी करने वालों के खाते सीज, पुलिस रिमांड मंजूर
खिलाडिय़ों से धोखाधड़ी करने वालों के खाते सीज, पुलिस रिमांड मंजूर- जंक्शन पुलिस ने गिरफ्तार तीन आरोपितों को कोर्ट में पेश कर कराया रिमांड मंजूर- खेल विकास बोर्ड का खाता सीज, खिलाडिय़ों का पैसा वापस दिलाने की कवायद
हनुमानगढ़. राष्ट्रीय प्रतियोगिता के नाम पर खिलाडिय़ों से ठगी के चलते रविवार को भी दर्जनें खिलाड़ी इधर-उधर धक्के खाते रहे। प्रतियोगिता के नाम पर लाखों का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद खिलाड़ी अपना शुल्क वापस मिलने की आस में रुके हुए हैं। यद्यपि खिलाड़ी रविवार को लौट जाएंगे। क्योंकि उनके ठहरने की व्यवस्था केवल रविवार तक की है। उधर, जंक्शन थाना पुलिस ने आयोजक संगठन के गिरफ्तार तीन पदाधिकारियों को कोर्ट में पेश किया। उनका रिमांड मंजूर कराया। रिमांड अवधि के दौरान खिलाडिय़ों का पैसा वापस दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में आयोजकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने आयोजक भारतीय खेल विकास बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा प्रोपर्टी डीलर विजय पेशवानी, राष्ट्रीय महासचिव नरेश मलिक निवासी हिसार व उसके चालक आजाद हिन्दुस्तानी निवासी उत्तर प्रदेश तथा कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से नरेश मलिक, आजाद हिन्दुस्तानी व दौलत पुत्र बक्शुराम निवासी महाराष्ट्र को गिरफ्तार कर रिमांड मंजूर कराया गया है। बोर्ड के पंजीयन आदि को लेकर आयोजक पुलिस के समक्ष कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके हैं। इस संबंध में पुलिस पड़ताल में जुटी हुई है। बोर्ड का खाता सीज करने की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई है। प्रतियोगिता निरस्त होने तथा आयोजकों को हिरासत में लेने के कारण खिलाडिय़ों के ठहरने व भोजन को लेकर संकट हो गया। मगर जाट धर्मशाला में समिति सदस्यों व पुलिस ने खिलाडिय़ों को परेशानी से बचाने के लिए भोजन व ठहरने की व्यवस्था यथावत रखी। इससे खिलाड़ी भटकने से बच गए।
एफआईआर में आया जोर
आयोजकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने में पुलिस को जोर आया। क्योंकि थाने पहुंचे पीडि़त खिलाड़ी अपना शुल्क वापस देने की मांग कर रहे थे। मगर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने से मना कर दिया। खिलाडिय़ों का कहना था कि गवाही वगैरह देने के लिए उनको कोर्ट-कचहरी आना पड़ेगा। इस तरह देर रात तक एफआईआर को लेकर माथापच्ची होती रही। आखिरकार मोहित कुमार पुत्र चंद्रपाल कुम्हार निवासी रानिया, सिरसा की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
हर खिलाड़ी के हजारों खर्च
आयोजनकर्ताओं ने इस कथित राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में २६ राज्यों के करीब ३००० खिलाड़ी बुलाए थे। प्रत्येक खिलाड़ी से औसतन दो से तीन हजार के बीच रुपए पंजीयन शुल्क लिया गया। खिलडिय़ों ने बताया कि उनके प्रशिक्षकों ने भी उनसे दो से तीन हजार रुपए लिए। किराया खर्च अलग से। इस तरह फर्जीवाड़े के चलते प्रत्येक खिलाड़ी को आठ से दस हजार रुपए के बीच चपत लग गई।
आरोपित मलिक आप का नेता
आरोपित नरेश मलिक की फेसबुक आईडी पुलिस ने खंगाली तो पता लगा कि वह इन दिनों आप पार्टी में है। उसकी फेसबुक आईडी के अनुसार आरोपित भाजपा छोड़ आप में शामिल हुआ था।
क्या था मामला
भारतीय खेल विकास बोर्ड नामक संगठन ने हनुमानगढ़ में राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता रखी थी। इसके लिए जाट समाज भवन, व्यापार मंडल, जाट कन्या छात्रावास, गुरु हरकिशन स्कूल आदि स्थल खिलाडिय़ों को ठहराने व प्रतियोगिता आयोजन के लिए तय किए गए। खेल को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इन संस्थाओं ने भी अपेक्षाकृत कम शुल्क पर ही संसाधन मुहैया करवाए। आयोजकों ने शनिवार सुबह से जाट भवन में पंजीयन शुरू किया। जबकि दो हजार खिलाडिय़ों का पंजीयन वे पहले ही ऑनलाइन कर चुके थे। इसके बावजूद ऑफलाइन पंजीयन भी शनिवार को किए गए। इस तरह करीब तीन हजार खिलाडिय़ों से दो हजार से तीन हजार रुपए के बीच शुल्क वसूला गया। लेकिन सरकारी संस्था नहीं होने के बावजूद भारतीय खेल विकास बोर्ड नाम रखने तथा खेल अधिनियम २००५ में पंजीयन नहीं होने पर भी आयोजकों ने खिलाडिय़ों से कहा कि उनके प्रमाण पत्र सेना की नौकरी आदि में मान्य होंगे। इसकी शिकायत जिला खेल अधिकारी तथा जिला प्रशासन के पास पहुंची। शनिवार शाम को जब खिलाडिय़ों को फर्जीवाड़े की खबर पता लगी उन्होंने हंगामा कर दिया। चुनाव आचार संहिता व धारा १४४ लगी होने के बावजूद हजारों लोगों को एकत्र किया गया। इसके लिए प्रशासन से किसी तरह की अनुमति भी नहीं ली गई। इसके बाद पुलिस आयोजकों को पूछताछ के लिए थाने ले गई। प्रतियोगिता निरस्त हो गई।
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