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हनुमानगढ़

भत्ते की मिठास, शर्तों की कड़वाहट

बेरोजगारी भत्ता- मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना में शर्तों का अडग़ा – दूसरे राज्य से बीए करने वालों को नहीं मिलेगा भत्ता- एसबीआई में होना चाहिए बैंक खाता

हनुमानगढ़Feb 13, 2019 / 12:49 pm

Manoj

hanumangarh

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– मनोज गोयल
हनुमानगढ़. राज्य की कांग्रेस सरकार युवा स्नातक बेरोजगारों को तीन हजार रुपए बेरोजगार भत्ता देने की बात कह कर वाह-वाही बटोर रही है लेकिन इसमें लगाई दो शर्ते युवाओं को परेशानी में डाल रही हैं।
खास कर राज्य से बाहर की यूनिवर्सिटी से उत्र्तीण स्नातक की डिग्री तो युवा बेरोजगारों के भत्ते की राह में ‘रोड़ाÓ साबित हो रही है। दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों और केन्द्रीय यूनिवर्सिटी से स्नातक डिग्री धारक युवा ‘मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजनाÓ में आवेदन पत्र जमा नहीं करवा रहे हैं। एसबीआई बैंक में खाता होने की अनिवार्यता भी युवाओं के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।
पहले हो रही है जेब हल्की
मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत युवाओं को तीन से साढ़े तीन हजार रुपए भत्ता ‘जब मिलेगा तब मिलेगाÓ लेकिन हाल फिलहाल भत्ते की पात्रताओं में शामिल एक दस्तावेज युवाओं और उनके परिजनों की जेब ‘हल्कीÓ कर रहा है। योजना के तहत आवेदन कर्ता का बैंक खाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में ही होना चाहिए, अन्यथा आवेदन पत्र भरा नहीं जाएगा। ऐसे में हजारों आवेदकों को एसबीआई में नया खाता खुलवाना पड़ रहा है। भले ही उनका पूर्व में बैंक खाता किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में हो। खास बात यह है कि एसबीआई में बैंक खाता न्यूनतम तीन हजार रुपए राशि जमा करवाने पर खुलता है।
क्या है विसंगति
राज्य की कांग्रेस सरकार ने बेरोजगार युवकों को तीन हजार रुपए एवं युवतियों को साढ़े तीन हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने के लिए राज्य की अक्षत योजना के स्थान पर ‘मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजनाÓ आरंभ की है। इसके लिए ऑन लाइन आवेदन भरे जा रहे हैं। योजना का लाभ लेने के लिए एक दर्जन पात्रताएं निर्धारित की गई हैं, इसमें दसवीं की अंक तालिका, स्नातक की अंक तालिका, मूल निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड, एसबीआई बैंक खाता इत्यादि होना चाहिए लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा स्नातक की डिग्री को लेकर है। नियमों के अनुसार भत्ता स्नातक बेरोजगार को मिलेगा लेकिन स्नातक डिग्री राजस्थान की यूनिवर्सिटी की होनी चाहिए। यहां तक की केन्द्रीय विश्वविद्यालय, यानि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से स्नातक उत्र्तीण को भी भत्ता नहीं मिलेगा। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, अलवर, भरतपुर सहित एक दर्जन जिले पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात राज्यों से सटे हुए हैं और इन जिलों के हजारों युवा दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों से स्नातक उत्र्तीण हैं, ऐसे में वह भत्ते से वंचित हो जाएंगे।
हमारा क्या कसूर
राजस्थान सरकार की योजना बहुत अच्छी है। युवाओं को सम्बल देने वाली है लेकिन राज्य से बाहर की यूनिवर्सिटी से स्नातक डिग्री करने वालों का आवेदन नहीं भरा जा रहा है। इस बाध्यता से राजस्थान के मूल निवासियों को छूट मिलनी चाहिए। – विनोद पूनियां, युवा अभ्यार्थी, बिरान (भादरा)

मूल निवासी को मिले सहभागिता
युवाओं को भत्ता देने के लिए योजना तो आरंभ की है लेकिन केन्द्रीय विश्वविद्यालयों और दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों से स्नातक करने वाले युवा फार्म नहीं भर पा रहे हैं, यह बाध्यता हटा कर मूल निवासियों को सहभागिता दी जानी चाहिए।- आकाश कुमार, युवा अभ्यार्थी, हनुमानगढ़

विभागीय नियम
राज्य द्वारा स्थापित यूनिवर्सिटी से स्नातक को भत्ता देने का योजना में प्रावधान किया गया है। योजना का लाभ लेने के लिए एसबीआई में खाता होना चाहिए। यह विभागीय हैं। इस पर निर्णय राज्य सरकार के स्तर पर ही हो सकता है। – हरगोविन्द मित्तल, सहायक निदेशक, रोजगार विभाग, हनुमानगढ़।

ध्यान आकर्षित करेंगे
योजना के नियम रोजगार विभाग की ओर से तैयार किए गए हैं। इस संबंध में कोई सुझाव अथवा विसंगति सामने आएगी तो उसे राज्य सरकार और रोजगार विभाग को समक्ष रखा जाएगा। ताकि ज्यादा युवाओं को योजना का लाभ मिल सके।
– जाकिर हुसैन, जिला कलक्टर, हनुमानगढ़।
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