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हनुमानगढ़

विज्ञान का ज्ञान लाने में लग गए दस बरस

विज्ञान का ज्ञान लाने में लग गए दस बरसविद्यार्थियों को मिल सकेगी उच्च शिक्षा- राजकीय एनएम पीजी कॉलेज में एमएससी रसायन विज्ञान व भौतिक शास्त्र पाठ्यक्रम की मिली अनुमति
हनुमानगढ़. स्वीकृति और पर्याप्त संसाधनों के बावजूद राजकीय एनएम पीजी कॉलेज में भौतिक शास्त्र तथा रसायन विज्ञान स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने में दस वर्ष लग गए।

हनुमानगढ़Jul 20, 2019 / 02:59 pm

Anurag thareja

विज्ञान का ज्ञान लाने में लग गए दस बरस

विज्ञान का ज्ञान लाने में लग गए दस बरस


विज्ञान का ज्ञान लाने में लग गए दस बरस
विद्यार्थियों को मिल सकेगी उच्च शिक्षा
– राजकीय एनएम पीजी कॉलेज में एमएससी रसायन विज्ञान व भौतिक शास्त्र पाठ्यक्रम की मिली अनुमति

हनुमानगढ़. स्वीकृति और पर्याप्त संसाधनों के बावजूद राजकीय एनएम पीजी कॉलेज में भौतिक शास्त्र तथा रसायन विज्ञान स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने में दस वर्ष लग गए। करीब आठ वर्षों से भौतिक शास्त्र के व्याख्याता का पद रिक्त रहने के कारण कॉलेज प्रशासन इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए कागजी कार्रवाई नहीं की। अक्टूबर 2018 में भौतिक शास्त्र के रिक्त पद पर व्याख्याता की नियुक्ति होने पर कॉलेज प्रशासन ने कागजी कार्रवाई दोबारा की तो अब जाकर कॉलेज को दोनों विषयों के लिए अनुमति मिली है। खास बात है कि टाउन राजकीय एनएमपीजी कॉलेज संभाग का तीसरा ऐसा सरकारी महाविद्यालय है, जहां एमएससी भौतिक शास्त्र की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इससे पहले चूरू व बीकानेर के सरकारी कॉलेज में यह पाठ्यक्रम उपलब्ध है। हालांकि एमएससी रसायन विज्ञान विषय पाठ्यक्रम तहसील नोहर के सरकारी महाविद्यालय में पहले से उपलब्ध है जबकि जिला मुख्यालय के सरकारी कॉलेज के लिए अब जाकर अनुमति मिली है। इसके चलते एमएससी रसायन विज्ञान, एमएससी भौतिक शास्त्र के लिए 20-20 सीटों पर प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र 27 जुलाई तक लिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि गत दस वर्षों से एमएससी भौतिक व रसायन विज्ञान के संचालन की स्वीकृति कॉलेज के पास होने के बावजूद सीटों का आवंटन नहीं किया जा रहा था। वह भी तब जब महाविद्यालय में रसायन विज्ञान को दो व्याख्याता हैं। लेकिन अब दोनों विषयों के पाठ्यक्रम शुरू होने से छात्रों को बाहर जाकर निजी कॉलेजों में अध्ययन नहीं करना पड़ेगा।
शुरू से पेच पर पेच
जानकारी के अनुसार जब एनएम पीजी कॉलेज की वर्ष 2010 में सरकारीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी तो उस समय एमएससी भौतिक व रसायन विज्ञान के संचालन की स्वीकृति कॉलेज के पास थी। इसके बाद सरकारीकरण की प्रक्रिया के चलते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। फिर वर्ष 2012 में एमजीएस विश्वविद्यालय बीकानेर की टीम ने कॉलेज का पुन: निरीक्षण कर इसे एमएससी पाठ्यक्रम के लिए उपयुक्त माना। लेकिन बाद में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने यह कहकर सीटें आवंटित करने से इनकार कर दिया कि कॉलेज के पास उक्त पाठ्यक्रम संचालन की स्वीकृति नहीं है। इसके बाद 2015 में यह मामला आयुक्तालय के पास पहुंचा तो उन्होंने पत्र के माध्यम से 2010 से ही कॉलेज के पास इन पाठ्यक्रमों की अनुमित होने का जिक्र किया। कॉलेज में भौतिक शास्त्र का पद रिक्त होने के कारण व रसायन विज्ञान के विषय के दो व्याख्याता होने के कारण कॉलेज प्रशासन ने इस मुद्दे पर फिर से चुप्पी साध ली।
लैब भी तैयार
एमएससी भौतिक व रसायन विज्ञान स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू होने की संभावना के चलते कॉलेज ने लैबोरेट्री का नवीनीकरण भी वर्ष 2014 में करवा लिया था। उस वक्त लैब के लिए सात लाख रुपए के उपकरण भी खरीदे गए थे। सभी तरह से मापदंडों पर खरा होने के बावजूद कॉलेज में सीटों का आवंटन नहीं किया गया।
अध्ययन में आती थी दिक्कत
भौतिक व रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का अध्ययन करने की इच्छा रखने वाले जिले के विद्यार्थी हर सत्र में परेशान होते थे क्योंकि इन पाठ्यक्रमों के अध्ययन की सुविधा पूरे जिले में केवल दो-तीन कॉलेजों में ही है। वह सारे निजी कॉलेज हैं तथा सीटें भी वहां सीमित हैं। ऐसे में अधिकांश विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए बाहर जाना पड़ता है, जिसपर काफी खर्च आता है।
आगे क्या
वर्तमान में रयासन विज्ञान के तीन व्याख्याता कार्यरत हैं। व्याख्याता श्यामवीर सिंह, विनोद कुमार व भाग सिंह परमार हैं और भौतिक शास्त्र के व्याख्याता विवेक शर्मा हैं। कॉलेज प्रशासन ने एक और भौतिक शास्त्र के विषय के व्याख्याता को लगाने के लिए पत्र लिखा है। इसके अलावा एमएससी जूलॉजी, बॉटनी व मैथ्स के पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भी कॉलेज प्रशासन ने कागजी कार्रवाई शुरू की है। वर्तमान में जूलॉजी विषय के लिए एक व्याख्याता, बॉटनी के दो व गणित विषय के लिए भी एक व्याख्याता कार्यरत है।
लिया जा रहा है दाखिला
एमएससी भौतिक व रसायन विज्ञान स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अध्ययन के लिए सीटों का आवंटन हो चुका है। स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध में दोनों विषयों के लिए बीस-बीस सीटों दाखिला लिया जा रहा है। इसके अलावा एमएससी जूलॉजी, बॉटनी व मैथ्स के पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भी कागजी कार्रवाई शुरू की है।
डॉ. रामपाल अहरोदिया, कार्यवाहक प्राचार्य, राजकीय नेहरू मेमोरियल पीजी महाविद्यालय

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