scriptबदबू से निजात मिलने की जगी उम्मीद, फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर कोर्ट ने दिखाई सख्ती | The hope of getting rid of the stench, the court showed strictness ab | Patrika News
हनुमानगढ़

बदबू से निजात मिलने की जगी उम्मीद, फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर कोर्ट ने दिखाई सख्ती

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. जंक्शन में सिविल लाइन के वाशिंदों को फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी की समस्या से भविष्य में राहत मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पांच वर्ष से अधिक समय तक इस मामले की सुनवाई होने के बाद अब स्थाई लोक अदालत हनुमानगढ़ ने हाल ही में इस समस्या को गंभीर मानकर इस मामले में फैसला सुना दिया है।
 

हनुमानगढ़Feb 18, 2020 / 11:27 am

Purushottam Jha

बदबू से निजात मिलने की जगी उम्मीद, फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर कोर्ट ने दिखाई सख्ती

बदबू से निजात मिलने की जगी उम्मीद, फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर कोर्ट ने दिखाई सख्ती

बदबू से निजात मिलने की जगी उम्मीद, फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर कोर्ट ने दिखाई सख्ती
-सिविल लाइन के पास गंदा पानी जमा होने की समस्या मामले में स्थाई लोक अदालत ने सुनाया फैसला
हनुमानगढ़. जंक्शन में सिविल लाइन के वाशिंदों को फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी की समस्या से भविष्य में राहत मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पांच वर्ष से अधिक समय तक इस मामले की सुनवाई होने के बाद अब स्थाई लोक अदालत हनुमानगढ़ ने हाल ही में इस समस्या को गंभीर मानकर इस मामले में फैसला सुना दिया है। इसमें स्थाई लोक अदालत ने राजस्थान राज्य औद्योगिक एवं निवेश निगम हनुमानगढ़ को यह आदेश दिया है वह अपने अधीन फैक्ट्रियों को यह निर्देश दे कि संबंधित औद्योगिक ईकाईयां छह माह के भीतर उपरोक्त नियम दो (ईई) में वर्णित संगठन सदस्य होकर ऐसे संगठन के सदस्यों के सामूहिक खर्चे से उद्योगों से निस्तारित होने वाले अपशिष्ट जल व अन्य प्रदूषण के ट्रीटमेंट के लिए कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट एंड सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम का निर्माण व संचालन करें।
निर्धारित समय में इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाली औद्योगिक ईकाईयों के खिलाफ प्रदूषण नियमों के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। इसके साथ ही राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल बीकानेर को यह आदेश दिया गया है कि वह तीन माह की अवधि में यह जांच करे कि रीको हनुमानगढ़ जंक्शन में संबंधित किन-किन औद्योगिक ईकाईयों की ओर से प्रदूषण से संबंधित मानकों व कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है। स्थाई लोक अदालत ने नगरपरिषद हनुमानगढ़ के अधिकारियों को पाबंद किया है कि वह सिविल लाइन में बनी आवासीय कॉलोनी के मकानों से निकलने वाले अपशिष्ट जल के ट्रीटमेंट के लिए ठोस प्लान बनाए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास बने पौंड की भंडारण क्षमता सुधारने के साथ नगरपरिषद यह सुनिश्चित करे कि ऐसे जल से किसी तरह का प्रदूषण पैदा नहीं हो। इस कार्य के लिए नगरपरिषद को छह माह का वक्त दिया गया है।
इनको माना था जिम्मेदार
न्यू सिविल लाइन वेलफेयर सोसायटी हनुमानगढ़ के सचिव जगराज सिंह की ओर से दिसम्बर २०१४ में स्थाई लोक अदालत हनुमानगढ़ में परिवाद पेश किया गया था। इसमें शुरू में जिला पर्यावरण संरक्षण समिति अध्यक्ष के तौर पर कलक्टर हनुमानगढ़, जिला पर्यावरण संरक्षण समिति के सचिव व उपवन संरक्षक हनुमानगढ़, नगर परिषद आयुक्त व महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को पार्टी बनाया गया। इसके बाद सुनवाई आगे बढऩे पर इंडस्ट्रीज यूनियन औद्योगिक क्षेत्र हनुमानगढ़ के अध्यक्ष, उद्योग संघ हनुमानगढ़ के अध्यक्ष, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल बीकानेर व राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम हनुमानगढ़ को भी पार्टी बनाकर इनके खिलाफ अदालत में शिकायत की गई। करीब पांच वर्ष से अधिक समय तक कानूनी लड़ाई लडऩे के बाद अब सिविल लाइन के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। न्यू सिविल लाइन वेलफेयर सोसायटी की तरफ से मामले की पैरवी एडवोकेट सुखवीर सिंह भांभू ने की।
यह है मामला
इस मामले में स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, स्थाई लोक अदालत के सदस्य महावीर स्वामी व बलविंदर सिंह की बैंच ने सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाया। प्रकरण के अनुसार न्यू सिविल लाइन वेलफेयर सोसायटी के सचिव जगराज सिंह ने स्थाई लोक अदालत में वर्ष २०१४ में परिवाद दायर किया था। इसमें बताया था कि नगरपरिषद के नालियों व फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी सिविल लाइन के आसपास की सडक़ों के पास जमा रहता है। इससे क्षेत्र का पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। प्रदूषित पानी के जमा होने से पेड़ों के सूखने की समस्या भी आ गई है। पांच वर्ष से अधिक समय तक कानूनी लड़ाई लडऩे के बाद अब सिविल लाइन के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
पत्रिका बना आवाज
फैक्ट्रियों व नालियों से निकलने वाले प्रदूषित अपशिष्ट से आबोहवा में फैल रहे प्रदूषण को लेकर राजस्थान पत्रिका ने सिलसिलेवार खबरों का प्रकाशन किया। इन समाचारों से पब्लिक की आवाज को बुलंदी मिली। समाचारों की कटिंग भी सिविल लाइन सोसायटी के अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया। स्थाई लोक अदालत ने अपने फैसले में इसका जिक्र भी किया है।
…….वर्जन…..
व्यवस्था सुधार को किया पाबंद
……फोटो……
नालियों व फैक्ट्रियों का गंदा पानी जंक्शन में सिविल लाइन के आसपास जमा होने की समस्या से लोग परेशान हैं। न्यू सिविल लाइन सोसायटी के लोगों ने इस समस्या को लेकर स्थाई लोक अदालत में शिकायत की थी। इस मामले में स्थाई लोक अदालत ने अब फैसला सुना दिया है। इसमें व्यवस्था सुधार को लेकर जिम्मेदार सरकारी संस्थाओं को समस्या समाधान के लिए छह माह का वक्त दिया गया है। स्थाई लोक अदालत का यह फैसला सिविल लाइन के लोगों के लिए काफी राहत देने वाला है।
-सुखवीर सिंह भांभू, एडवोकेट हनुमानगढ़
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो