अब सभी को अगले पखवाड़े तक बांध को जल ग्रहण क्षेत्रों में बारिश होने का इंतजार है। बरसात हो जाती है तो बीबीएमबी राजस्थान के शेयर को रिवाइज कर सकता है। इस स्थिति में प्रदेश की इंदिरागांधी नहर को सिंचाई पानी मिलने की उम्मीद है। चालू खरीफ सीजन में अभी तक हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो २२०० हेक्टैयर में देसी कपास, ३००० हेक्टेयर में अमेरिकन कपास, १५०००० हेक्टैयर में, १००० हेक्टैयर में मूंगफली की बिजाई हुई है। सिंचाई पानी पर संकट के बादल मंडराने के कारण अब सभी मेघों की मेहरबानी होने की बाट जोह रहे हैं।
पौंग बांध में सर्वाधिक पचास प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का निर्धारित है। इस बांध का लेवल लगातार नीचे जाने के कारण इंदिरागांधी नहर में जल संकट की स्थिति बन रही है। चार जून २०२१ को भाखड़ा बांध का जल स्तर १५०६.२४ फीट था। वहीं पौंग बांध का जल स्तर १२९४.८८ फीट हो गया है।
हनुमानगढ़ जिले में चालू खरीफ सीजन में तीन जून तक हुई बिजाई के आधार पर यूरिया की आवश्यकता ३५००० एमटी की रहेगी। इसमें १४६३९ एमटी यूरिया विभाग को उपलब्ध है। इसी तरह १५००० एमटी डीएपी की मांग रहेगी। जबकि ३९१८ एमटी डीएपी विभाग के पास अभी उपलब्ध है। सरकार को उर्वरक की उपलब्धता को लेकर भी ध्यान देने की जरूरत है।
बारिश से बंधी उम्मीद
बांधों का जल स्तर लगातार नीचे जाने के कारण बीस जून तक राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में केवल पेयजल चलाने जितना पानी देेने को लेकर बीबीएमबी ने सहमति दी है। बीस जून तक यदि बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में बारिश होती है और लेवल सुधरता है तो भविष्य में सिंचाई पानी मिलने की उम्मीद कर सकते हैं।
-शिवचरण रैगर, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़