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हनुमानगढ़

कलक्टर चैम्बर में तोडफ़ोड़ करने को लेकर जेल में बंद बंदी की गुहार, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज बतौर सबूत रखी जाए सुरक्षित

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हनुमानगढ़Apr 11, 2019 / 12:15 pm

adrish khan

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कलक्टर चैम्बर में तोडफ़ोड़ करने को लेकर जेल में बंद बंदी की गुहार, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज बतौर सबूत रखी जाए सुरक्षित

कलक्टर चैम्बर में तोडफ़ोड़ करने को लेकर जेल में बंद बंदी की गुहार, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज बतौर सबूत रखी जाए सुरक्षित
– कलक्टर के चैम्बर में लाठी लेकर घुसने व तोडफ़ोड़ करने का मामला
– चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से मारपीट व जातिसूचक गालियां निकालने के आरोपों पर आपत्ति
हनुमानगढ़. जिला कलक्टर के चैम्बर में लाठी लेकर घुसने तथा तोडफ़ोड़ करने के मामले में जिला कारागृह में बंद ईश्वरराम पुत्र नंदराम निवासी सरदारगढिय़ा ने घटना के दिन की सीसीटीवी कैमरों की फुटेज बतौर सबूत सुरक्षित रखने की गुहार लगाई है। उसने जरिए अधिवक्ता प्रार्थना पत्र देकर एनजीओ प्रयास समिति से न्याय दिलवाने की प्रक्रिया में सहायता की मांग की है। आरोपी के पत्र के आधार पर प्रयास समिति की सचिव रीटा सोनी ने जिला कलक्टर को प्रार्थना पत्र देकर घटना के दिन की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने तथा उसकी प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है। आरोपी का पत्र में कहना है कि उसके खिलाफ जंक्शन थाने में एफआईआर संख्या 70/2019 गलत दर्ज करवाई गई है। उसका कलक्टर चैम्बर के बाहर या भीतर परिवादी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजेन्द्र से किसी प्रकार का कोई झगड़ा नहीं हुआ है और ना ही गाली-गलौच की।
इसके बावजूद उसके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा बना दिया गया। इस बाबत ईश्वरराम ने न्यायालय से प्राप्त नकलें भी एनजीओ को सौंपी हैं। इनमें कई विरोधाभासी तथ्य दिखते हैं। आरोपी ईश्वरराम का कहना है कि तहसीलदार ने उसे कलक्टर कार्यालय में डंडा लेकर जाने व तोड़-फोड़ करने के संबंध में दंडित कर दिया था। पुलिस ने 107, 116(3), 151 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही की। इस दौरान जाति ***** गालियां निकालने का कोई जिक्र नहीं किया गया। मगर उसी अपराध को कारित करने पर उसमें जाति ***** गालियां निकालने बाबत अतिरिक्त कथन कर पुन: एफआईआर दर्ज की गई। इसी प्रकरण में ईश्वरराम को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। प्रयास समिति के पत्र के अनुसार कलक्टर कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। समिति सचिव ने उक्त घटना के तुरन्त बाद आरटीआई के अन्तर्गत सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग की मांग की गई थी। उसका आवेदन आरटीआई एक्ट की धारा 8(1)(जे) के अन्तर्गत खारिज कर दिया गया। आरटीआई एक्ट की धारा 8(1)(जे) के तहत लोक सूचना अधिकारी उस सूचना को देने से इन्कार कर सकता है जो व्यक्तिगत सूचना से संबंधित है, जिसका प्रकटन किसी लोक क्रिया कलाप या हित से संबंध नहीं रखता है। इसलिए इस आधार पर प्रार्थना पत्र खारिज किया जाना न्यायसंगत नहीं है। उक्त रिकॉर्डिंग से ईश्वरराम के दोषी होने या नहीं होने की जानकारी मिलती है। वह रिकॉर्डिंग महत्वपूर्ण सबूत है, उसे पुलिस ने जान बूझकर जांच में शामिल नहीं किया। अत: वह किसी भी सूरत में नष्ट नहीं होना चाहिए। यदि सात से आठ फरवरी 2019 की सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग से किसी प्रकार की छेड़छाड़ होती है अथवा रिकॉर्डिंग नष्ट होती है तो उसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। रिकॉर्डिंग की प्रति शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। अन्यथा इसके लिए न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा।
क्या है प्रकरण
आरोपित ईश्वरराम जाट (30) निवासी गांव सरदारगढिय़ा, थाना गोगामेड़ी, भादरा हाल आईटीआई बस्ती ने भूमि संबंधी पुराने मामले को लेकर आठ फरवरी की दोपहर कलक्टर चैम्बर में घुस गया। वह चादर के नीचे छिपाकर डंडा चैम्बर में ले गया। जंक्शन थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार आरोपी को जिला कलक्टर कार्यालय के कर्मचारी राजेन्द्र कुमार पुत्र भगवानदास वाल्मीकि ने चैम्बर में घुसने से रोका तो उसे धक्का देते हुए जबरन अंदर चला गया। कलक्टर की मेज पर लाठी से तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। कलक्टर परिसर में मौजूद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तथा युवक को जंक्शन थाने ले गए। आरोपित का पुश्तैनी जमीन को लेकर बरसों से विवाद चल रहा था, जिसका फैसला उसके हक में नहीं हुआ। वह राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप कई बार लगा चुका है। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 332, 353, 3 एससी/एसटी एक्ट व 3 पीडीडी एक्ट में मामला दर्ज किया गया।

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