हनुमानगढ़-बठिण्डा रेलखण्ड पर दौड़ी पहली इलेक्ट्रिक ट्रैन
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हनुमानगढ़-बठिण्डा रेलखण्ड पर दौड़ी पहली इलेक्ट्रिक ट्रैन
– सीआरएस एवं डीआरएम ने पूजा अर्चना के बाद रवाना की इलेक्ट्रिक ट्रैन
हनुमानगढ़ में रेलवे के इतिहास में हनुमानगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन ने रविवार शाम को इतिहास रच दिया। इलेक्ट्रिक रेलगाड़ी हनुमानगढ़-भठिण्डा रेलखण्ड पर रविवार शाम साढ़े छह बजे दौड़ी। रेलवे संरक्षा आयुक्त सुनील कुमार चन्द्रा एवं बीकानेर मंडल रेल प्रबंधक एके दूबे ने जंक्शन रेलवे स्टेशन पर पूजा अर्चना के बाद पहली ट्रायल इलेक्ट्रिक टे्रन को रवाना किया। स्वयं सीआरएस एवं डीआरएम भी इसी इलेक्ट्रिक रेलगाड़ी से भठिण्डा के लिए रवाना हुए। यदि सब कुछ सही रहा तो जून माह से हनुमानगढ़-भठिण्डा रेलखण्ड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन दौडऩी शुरू हो जाएगी।
रेलवे संरक्षा आयुक्त एवं मंडल रेल प्रबंधक स्पेशल ट्रेन से रविवार दोपहर को भठिण्डा से हनुमानगढ़ तक रेलखण्ड का निरीक्षण करने के लिए आए। शाम साढ़े पांच बजे स्पेशल ट्रेन से यहां पहुंचे दोनों उच्चाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में अन्य तकनीकी अधिकारी भी थे। स्पेशल डीजल ट्रेन से निरीक्षण करते हुए यहां पहुंचे दोनों अधिकारियों ने लगभग आधा घंटा ही यहां ट्रेन के विशेष कोच में विश्राम किया और फिर पूजा अर्चना के बाद इलेक्ट्रिक ट्रेन से रवाना हुए। रेल अधिकारियों के अनुसार सीआरएस ने भठिण्डा से आते हुए पहले ट्रैक और बिजली के पोल और अन्य व्यवस्था का विंडो निरीक्षण किया। वापिसी में भठिण्डा जाते हुए इलेक्ट्रिक ट्रैन से निरीक्षण करेंगे। इस दौरान वह और तकनीकी अधिकारी बारीकी से सम्पूर्ण ट्रैक का जायजा लेंगे।
जून तक शुरू होगी इलेक्ट्रिक टै्रन
मंडल रेल प्रबंधक एके दूबे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सीआरएस निरीक्षण के पश्चात सुरक्षा प्रमाण पत्र जारी होगा। उन्होंने बताया कि भठिण्डा से हनुमानगढ़ तक इलेक्ट्रिक ट्रेन के लिए तमाम कार्य पूर्ण हो गया है। हनुमानगढ़ से भठिण्डा तक ट्रायल ट्रेन भी चलाई जाएगी। इसके पश्चात सीआरएस प्रमाण पत्र जारी करेंगे। प्रक्रिया के बाद उम्मीद है जून तक हनुमानगढ़-भठिण्डा रेलखण्ड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन यात्रियों के लिए आरंभ हो जाए।
बदल गया नक्शा
हनुमानगढ़-भण्डिा रेलखण्ड के इलेक्ट्रिक होने के बाद जंक्शन रेलवे स्टेशन का नक्शा बदल गया है। रेलवे स्टेशन पर चारों तरफ सिल्वर कलर में चमकते हुए पोल नजर आ रहे हैं और उस पर विद्युत तारें नजर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रिक रेलखण्ड का कंट्रोल भठिण्डा में रहेगा। सम्पूर्ण प्रोजेक्ट पूर्ण होने के बाद एक कंट्रोल रूम हनुमानगढ़ में भी बनेगा। प्रोजेक्ट में सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। रेलवे सुरक्षा आयुक्त और रेलवे के उच्चाधिकारियों के दौरे के मद्देनजर हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन पर शनिवार को बरसात के बावजूद अधिकारी अर्लट नजर आए और रेलवे की साज-सज्जा ओर सफाई का कार्य भी चलता रहा। रेलखण्ड के इलेक्ट्रिक होना यात्रियों के लिए कौतूहल का विषय भी बन गया। शाम को इलेक्ट्रिक ट्रेन को चलते हुए देखने के लिए भारी संख्या में लोग रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े। लोगों ने सीआरएस और इलेक्ट्रिक ट्रेन का फूल बरसा कर स्वागत किया।
बढ जाएगी रेल की गति
विद्युतीकरण के बाद हनुमानगढ़-भठिण्डा ट्रैक पर रेल गाडिय़ों की गति में लगभग बीस किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ जाएगी। इस ट्रैक पर वर्तमान में सूरतगढ थर्मल की आवश्यकता के अनुरुप मालगाडिय़ों का आगमन सर्वाधिक होता है संभावना है कि इस कार्य के पूर्ण होने पर सबसे अधिक बचत इन मालगाडिय़ों को लगने वाले समय में होगी
प्रदूषण से मुक्ति
रेलवे द्वारा विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होने पर क्षेत्र में रेलगाडिय़ों के डीजल ईंजन से होने वाले प्रदूषण से भी मुक्ति मिल जाएगी। रेलवे द्वारा ग्रीन एनर्जी क्लीन एनर्जी पर गति से कार्य किया जा रहा है। उम्मीद है इसी के तहत यह कार्य जल्द पूर्ण होकर क्रियान्वित होगा।
लंबी गाडिय़ों की संभावना
रेल अधिकारियों के अनुसार क्षेत्र में इलेक्ट्रिक कार्य हो जाने के बाद लम्बी दूरी की गाडिय़ों की संख्या में वृद्धि होगी। हिसार-सिरसा-भठिण्डा-हनुमानगढ़-सूरतगढ़ रेलखण्ड को चार चरण में इलैक्ट्रिक करने का कार्य चल रहा है। दो चरण पूरे हो गए हैं और तीसरा चरण सीआरएस के दौरे से पूर्ण हो जाएगा। चौथे चरण के तहत 78 किलोमीटर के हनुमानगढ़-सूरतगढ़ थर्मल खण्ड पर कार्य चल रहा है। रेल अधिकारियों के अनुसार पूरा प्रोजेक्ट ३२८ किलोमीटर का है और इस पर लगभग पौने दो सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे।
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