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हनुमानगढ़

स्वामित्व योजना में गांवों के आबादी क्षेत्रों में भूमि के मिलेंगे पट्टे

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हनुमानगढ़. जिले के उपनिवेशन क्षेत्र के गांवों के चक प्लान तथा आबादी क्षेत्रों के नक्शे वर्षों पूर्व तत्कालीन सरपंचों तथा सरकारी कारिंदों ने गायब कर दी थी।
 

हनुमानगढ़Feb 03, 2021 / 10:20 am

Purushottam Jha

स्वामित्व योजना में गांवों के आबादी क्षेत्रों में भूमि के मिलेंगे पट्टे

स्वामित्व योजना में गांवों के आबादी क्षेत्रों में भूमि के मिलेंगे पट्टे

स्वामित्व योजना में गांवों के आबादी क्षेत्रों में भूमि के मिलेंगे पट्टे
-डिजिटल पट्टे मिलने से ग्रामीणों को राहत मिलने के आसार

हनुमानगढ़. जिले के उपनिवेशन क्षेत्र के गांवों के चक प्लान तथा आबादी क्षेत्रों के नक्शे वर्षों पूर्व तत्कालीन सरपंचों तथा सरकारी कारिंदों ने गायब कर दी थी। इसके बाद अपने चहेतों को खाली पड़ी भूमि पर फर्जी पट्टे देने की शिकायतें वर्षों से मिलती रही है। ग्राम पंचायतों में पट्टों का स्थायी रिकॉर्ड नहीं होने के कारण ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिवों तथा ब्लॉक अधिकारियों की ओर से नए पट्टे जारी करने में लगातार आनाकानी की जाती रही है। गत 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर प्रधानमंत्री की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि का मालिकाना हक देने वाली स्वामित्व योजना की घोषणा तथा राज्य सरकार के पंचायतीराज विभाग की ओर से इसी साल आबादी भूमि के डिजिटलाइजेशन का कार्यक्रम जारी करने के बाद गांवों के लोगों को उनके आवासीय भूखंडों के पट्टे मिलने की उम्मीदें बंधी है। भूमि के डिजिटलाइजेशन के लिए जिले में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है। इसके तहत इस वर्ष के अंत तक सभी गांवों की आबादी भूमि के स्वामित्व का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने का लक्ष्य दिया गया है। इस योजना के तहत प्रत्येक गांव की आबादी के राजस्व नक्शे के आधार पर भारतीय सर्वेक्षण विभाग की ओर से अधिकृत फर्म की ओर से ड्रोन से प्रत्येक भूखंड तथा गांव की बाहरी सीमा का सर्वे किया जाकर ग्राम पंचायतों को को डिजिटल मानचित्र सौंपेगी। ग्राम पंचायतें उक्त मौके के नक्शों के आधार पर कब्जाधारी लोगों से स्वामित्व के दस्तावेज मांगेगी। इसके बाद पट्टा आवेदन प्राप्त कर पंचायतीराज कानून के तहत आपत्तियां आमंत्रित करेगी। इसके पश्चात सक्षम अधिकारी की निगरानी में लोगों को डिजिटल पट्टा जारी कर एक प्रति पीडीएफ में भी उपलब्ध कराएगी। हनुमानगढ़ में जिला परिषद सीईओ रामनिवास जाट के मुताबिक उम्मीद की जा रही है कि इससे लोगों के पास अपनी आवासीय भूमि का डिजिटल पट्टा उपलब्ध होने पर सम्पति विवाद कम होंगे। वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने में भी सुविधा होगी। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलने के आसार हैं।
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