इसी तरह अन्य बूथों पर दवा दिलाने का कार्य हुआ। बीसीएमओ कड़वासरा ने बताया कि उपखंड में पांच वर्ष तक के 13686 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य था। इसके लिए 83 स्थाई बूथ, 5 ट्रांजिट बूथ व 5 मोबाईल टीमें गठित की गई। ग्राम पंचायतों में सरपंचों व जन प्रतिनिधियों सहित गणमान्य लोगों ने दवा पिलाने के अभियान की शुरुआत की।
एसडीएम नियुक्ति के लिए नुक्कड़ सभाएं व बेमियादी धरना जारी
संगरिया. एसडीएम की स्थाई नियुक्ति मांग को लेकर आजादी बचाओ आंदोलन ने बेमियादी धरने के साथ अब गांवों में जाकर नुक्कड़ सभा के जरिए जन आंदोलन शुरु कर दिया है। ग्रामीणों ने भी गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए मांग पर समर्थन जताते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन कर मांग अतिशीघ्र पूरी करने के लिए सरकार को जगाने की कोशिश की।
रविवार को बोलांवाली, नाईयोंवाली ढाणी, चक प्रतापनगर, नाथवाना, मोरजंड सिखान आदि गांवों में आंदोलन के मुखिया मेजरसिंह ने आरोप लगाया कि संगरिया विधायक की गलत नीतियों के कारण कोई भी एसडीएम संगरिया में नहीं रहना चाहता। जिसके चलते तीन सालों में अब तक तेरह एसडीएम बदल गए। कोई स्थाई अधिकारी नहीं रहा।
कुर्सी खाड़ी पड़ी रहने से आमजन के रोजमर्रा के सभी
काम ठप पड़े हैं। टिब्बी एसडीएम के पास अतिरिक्त चार्ज होने पर भी वे भी नियमित रुप से नहीं आ रहे हैं। अपने काम करवाने के लिए लोग सुबह से चक्कर काटते हुए शाम को इंतजार के बाद वापिस लौट जाते हैं। जब तक एसडीएम नियुक्ति नहीं होगी संघर्ष चालू रहेगा। धरने पर आत्मासिंह, पूर्व पार्षद राजेंद्र झोरड़, जोगेंद्रसिंह, हरबंशसिंह, विनोद, राकेश, गुालालसिंह व अन्य बैठे।