भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की तकनीकी समिति की बैठक में जून में हरियाणा के माध्यम से राजस्थान के लिए सतलुज का पानी ८५० क्यूसेक सिद्धमुख नोहर सिंचाई परियोजना व अमर सिंह सब ब्रांच प्रणाली के लिए निर्धारित किया गया था। इसमें १९ से ३० जून २०२० तक निर्धारित ८५० क्यूसेक की तुलना में औसतन ४३५ क्यूसेक पानी ही राजस्थान को प्राप्त हुआ। पूरा पानी लेने को लेकर राजस्थान ने जब हरियाणा पर दबाव बनाना शुरू किया तो हरियाणा ने १३२ करोड़ की डिमांड राजस्थान को भेज दी है। यह डिमांड २००२ से बकाया होना बताया जा रहा है।
हरियाणा की ओर से राजस्थान को तय शेयर के अनुसार पानी मिलने में हमेशा से दिक्कत आती रही है। बिजाई के वक्त हरियाणा पहले खुद की मांग पूरा करता है। इसके बाद जब हरियाणा की मांग ूपूरी हो जाती है और राजस्थान के आसपास भी बारिश हो जाती है तो हरियाणा सर प्लस पानी भी राजस्थान की नहरों में छोड़ देता है। जिसकी जरूरत राजस्थान को होती ही नहीं है।
१९ जून ८५० ४४६
२० जून ८५० ३८१
२१ जून ८५० ४७१
२२ जून ८५० ३४४
२३ जून ८५० ४०६
२४ जून ८५० ३४६
२५ जून ८५० ३०१
२६ जून ८५० ३७७
२७ जून ८५० ५५१
२८ जून ८५० ५६३
२९ जून ८५० ५१९
३० जून ८५० ५१०
(नोट: उक्त आंकड़े जून २०२० में बीबीएमबी की ओर से राजस्थान के निर्धारित शेयर और प्राप्त शेयर से संबंधित हैं।)
…….वर्जन….
असलियत जांचने को बनाई कमेटी
जून में निर्धारित शेयर की तुलना में हरियाणा की तरफ से राजस्थान को कम पानी मिला। चालू माह में पानी की स्थिति ठीक है। हरियाणा ने १३२ करोड़ की जो डिमांड भेजी है। उसकी असलियत जांचने को लेकर कमेटी गठित कर दी गई है।
-विनोद मित्तल, मुख्य अभियंता, जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़