scriptआगरा के बाद अब हापुड़ का पेठा देश-विदेश में मचाएगा धूम | now Hapur's Petha will make a splash in the country and abroad | Patrika News

आगरा के बाद अब हापुड़ का पेठा देश-विदेश में मचाएगा धूम

locationहापुड़Published: Nov 16, 2021 05:22:58 pm

Submitted by:

Nitish Pandey

जिले में अब एक जिला एक उत्पाद के तहत पेठे की 150 इकाइयां लगाने की तैयारी चल रही है। वो दिन दूर नहीं जब आगरा के पेठे की तरह ही हापुड़ का पेठा देश और विदेश में अपने स्वाद की धाक जमाएगा। शासन ने हापुड़ के पेठे को ओडीओपी की लिस्ट में शामिल किया है।

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हापुड़. उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पेठा उद्योग को अब पंख लगेंगे। यानी अब वह दिन दूर नहीं जब हापुड़ के पेठा उद्योग को आगरा के पेठा उद्योग के जैसी पहचान मिलेगी। शासन ने हापुड़ के पेठे को एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) की फेहरिस्त में शामिल किया है। इसके तहत जिले में 150 पेठे उत्पाद की इकाइयां लगेंगी। किसान/आवेदकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक इकाई पर 10 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा, जो कीमत का 35 प्रतिशत होगा।
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खेतीबाड़ी से जुड़े 24 उत्पाद ओडीओपी में शामिल

किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और प्रदेश की सरकार की ओर से खेतीबाड़ी से जुड़े करीब 24 उत्पादों को ओडीओपी के रूप में चुना गया है। हर जिले के लिए अलग फसल का चयन हुआ है, सरकार इन उत्पादों के जरिए इनसे जुड़े किसानों की न सिर्फ आय बढ़ाएगी, बल्कि इनमें निवेश को भी आकर्षित करेगी। इससे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के मौके भी उपलब्ध हो सकेंगे।
आएगा 30-40 लाख का खर्च

पेठा उद्योग की एक इकाई लगाने पर 30-40 रुपये तक खर्च जाएगा। कीमत का 35 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपये का अनुदान सरकार देगी, जो सीधे लाभार्थियों के खातों में ही भेजा जाएगा।
3500 हेक्टेयर रकबे में उगता है पेठा

जिले के करीब 3500 हेक्टेयर रकबे में हर साल पेठा की खेती होती है। आगरा समेत विभिन्न जिलों के कारोबारी यहां से पेठा खरीदकर ले जाते हैं। लेकिन ओडीओपी योजना में शामिल होने के बाद क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा लाभ किसानों को होगा।
सरकार बनाएगी आत्मनिर्भर

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खेतीबाड़ी के करीब दो दर्जन ऐसे उत्पादों को चिन्हित किया गया है। हापुड़ में पेठा प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयों को प्रशिक्षण, क्षमता विस्तार, गुणवत्ता सुधार, ब्रांडिंग, परियोजना रिपोर्ट बनाने के लिए वित्तीय व तकनीकी सहायता और बाजार उपलब्ध कराने में सरकार मदद करेगी।
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