शासकीय विभागों पर बिजली का 18 लाख बकाया, बिल वसूलने में आ रहा पसीना
हरदाPublished: Feb 20, 2020 07:22:26 pm
-स्कूल, थाना, छात्रावास, पंचायतों सहित अन्य शासकीय कार्यालय हैं बकायादार-शासकीय विभागों से बिजली कंपनी नहीं कर पा रही बिल वसूली
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खिरकिया। बिजली का उपयोग कर बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ आंखें दिखाने वाले बिजली विभाग के अफसर शासकीय विभागों के सामने गर्दन झुकाकर बिल मांगते नजर आ रहे हैं। शासकीय कार्यालयों पर लाखों रुपए का बिजली बिल बकाया है मगर बिजली कंपनी उसे वसूल नहीं पा रही है। शासन के विभाग ही बिजली कंपनी को बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं वहीं जनता से जुड़े विभाग होने से बिजली कंपनी भी शासकीय कार्यालयों की बिजली काटने की कार्यवाही नहीं कर पा रही है।
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नोटिस देने की हो रही औपचारिकता
शासकीय कार्यालयों पर बिजली बिल का करीब 18 लाख 43 हजार रुपए बकाया है।
बावजूद इसके विभाग केवल बार-बार नोटिस भेजने की औपचारिकता कर रहा है, नोटिस मिलने के बावजूद बिजली के बकाया राशि को जमा करने में शासकीय कार्यालय रुचि नहीं दिखा रहे हंै। शासकीय कार्यालयों के अतिरिक्त ग्राम पंचायतों पर भी बिजली कंपनी का लाखों रुपए का बिल बकाया है बावजूद उसके पंचायत द्वारा बिजली बिलों को जमा नहीं किया जा रहा है। बिजली कंपनी द्वारा कनेक्शन काटने पर विभागों की व्यवस्थाएं प्रभावित होने से आम नागरिकों दिक्कत होगी, इसी वजह से अब तक बिजली कंपनी ने कनेक्शन काटने का कदम नहीं उठाया है।
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8 पंचायतों पर 6.५५ लाख का बकाया
बिजली कंपनी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली मुहैया करायी जाती है जिसमें तहसील की कई ग्राम पंचायतें शामिल हैं। ग्राम पंचायत द्वारा अपने कार्यालयों के बिलों का अभी तक बिल जमा नही किया गया है। जिससे कुछ पंचायतें डिफॉल्टर की श्रेणी में आ गई हैं। तहसील की 8 ग्राम पंचायतों में चौकड़ी, नगांवामाल, सारंगपुर, मुहालकलां, पाहनपाट, कुड़ावा, ढोलगांवकलां और धनवाड़ा पर कुल 6 लाख 55 हजार 956 रुपए का बकाया है। बिजली कंपनी द्वारा बकाया राशि भुगतान के लिए कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं और कई बार विद्युत कनेक्शन विच्छेद करने की चेतावनी भी दी जा चुकी है बावजूद उसके पंचायतों द्वारा बिल जमा नहीं किए जा रहे हैं।
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शासकीय कार्यालय भी हैं बकायादार
बिजली कंपनी के बकायादारों की सूची में शिक्षा, बीएसएनएल, वन विभाग, छात्रावास आदि विभाग भी हैं। बिजली कंपनी को शालाओं द्वारा बिजली बिल भुगतान नहीं किया जा रहा है। विकासखंड के 43 स्कूलों पर 3 लाख 91 हजार 260 रुपये का बिल बकाया है। इसी तरह भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) पर 3 लाख 27 हजार 157 रुपए का बकाया है। पूर्व में दो बार बिजली कंपनी कार्यालय का कनेक्शन काट चुकी है। बावजूद उसके बिल की राशि बकाया है। वन विभाग पर भी करीब १.२५ लाख रुपये का बकाया है। 4 सरकारी छात्रावासों पर 78 हजार 196 रुपए और जनपद पंचायत पर 75 हजार रुपए का बिल बकाया है। बिजली कंपनी को पुलिस विभाग से 64 हजार रुपए लेना है। नीमसराय स्थित मप्र राज्य विपणन बोर्ड के बहुउद्देश्यीय केन्द्र पर भी 85 हजार रुपए बाकी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर बिजली बिल के 41 हजार रुपए की राशि बकाया है।
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विभागों के सामने लाचार बिजली कंपनी
आम उपभोक्ताओं पर थोड़ा बहुत बकाया होने पर सख्ती दिखाने वाला बिजली विभाग शासकीय कार्यालयों के अफसरों के सामने लाचार साबित हो रहा है। आम उपभोक्ता पर बिजली बिल बकाया हो तो कनेक्शन काटने, कुर्की करने सहित अन्य हथकंडे अपनाने वाली बिजली कंपनी शासकीय कार्यालयों के मामले चुप्पी साधे बैठी है। लाखों रुपए का बकाया होने के बाद भी शासकीय विभागों पर कंपनी मेहरबान है।
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किस पर कितना बकाया
ब्लॉक की 8 ग्राम पंचायत- 6,55,956 रुपए
स्कूल शिक्षा विभाग – 3,91,260 रुपए
बीएसएनल – 3,27,157 रुपए
वन विभाग- 1,25,411 रुपए
मप्र राज्य विपणन बोर्ड नीमसराय- 85000 रुपए
सरकारी छात्रावास- 78,196 रुपए
जनपद पंचायत- 75,169 रुपए
पुलिस विभाग- 64,000 रुपए
सरकारी अस्पताल- 41,000 रुपए
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इनका कहना है
सरकारी कार्यालयों की बकाया बिजली बिल राशि को वसूलने के लिए सम्बंधित विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर उन्हें बकाया राशि भुगतान करने के लिए कहा गया है। यदि राशि जमा नहीं होती तो कंपनी के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा और वरिष्ठ अधिकारियों से मिले निर्देशों का पालन किया जाएगा।
सौरभ शर्मा, एई, बिजली कंपनी खिरकिया
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