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हरदा

ब्लॉक में 286 विद्यालय, अधिकांश में नहीं है बच्चों के लिए मैदान

शासकीय विद्यालयों में मिली खेल सामग्री, शालाओं में बच्चों के लिए नहीं हैं खेल मैदानअसमतल जमीन पर खेलने को मजबूर हैं विद्यार्थी

हरदाFeb 18, 2020 / 08:38 pm

Rahul Saran

harda, khirkiya, school, playgound,students

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खिरकिया। बच्चों के सर्वागींण विकास के लिए एक ओर शासन द्वारा स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कड़वी हकीकत यह है कि अधिकांश शालाओं से खेल मैदान ही गायब हैं। शासकीय विद्यालयों में कई खेल प्रतिभाएं छिपी हुई हैं लेकिन उन्हें निखारने के लिए विद्यालयों में व्यवस्था ही नहीं हैं। शासन ने विद्यालयों में खेल सामग्री खरीदने के लिए राशि का प्रावधान भी कर दिया है मगर खेल मैदान के अभाव में विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विकासखंड की शालाओं में खेल मैदान के नाम पर सिर्फ विद्यालयों के सामने खाली जमीन या खुला क्षेत्र ही उपलब्ध है।

ब्लॉक में हैं कुल 286 विद्यालय
खिरकिया विकासखंड में 189 शासकीय प्राथमिक शालाएं एवं 97 माध्यमिक शालाएं हैं जिनमें वर्तमान में 17 हजार 869 बच्चे अध्ययनरत हैं। इन शालाओं में से एक भी शाला में व्यवस्थित खेल मैदान नहीं है। विद्यालयों के सामने खुली भूमि पर ही खेल गतिविधियों का संचालन किया जाता है। इस जमीन पर कबड्डी, क्रिकेट, व्हॉलीवाल, बैडमिंटन, खो-खो और फुटबॉल जैसे खेलों के लिए सुविधा ही नहीं है। कई स्थानों पर तो खाली जमीन का स्वरूप भी ठीक नहीं है जिससे कई बार विद्यार्थी खेलते समय गिरकर घायल भी होते हैं।

विकसित नहीं हुए लिंक मैदान
शालाओं में खेल मैदान की व्यवस्था करने लगभग 4 वर्ष पूर्व शासन ने जनपद व ग्राम पंचायतों के माध्यम से लिंक मैदान की योजना संचालित की थी लेकिन उसका कोई परिणाम विद्यालयों में देखने को नहीं मिल रहा है। योजना के तहत ग्रामीणों तथा स्कूली बच्चों की खेल सुविधा के लिए ऐसे मैदान विकसित किया जाना था जो स्कूलों के आसपास हों। यह योजना ग्राम पंचायतों को क्रियान्वित करना थी जिसके लिए उन्हें बजट भी दिया गया था लेकिन आज तक गांवों में कहीं भी ऐसे मैदान विकसित नहीं किए गए। विद्यालयों में खेल सत्र के लिए भी समय दिया गया है लेकिन मैदान की कमी से कई स्कूलो में खेल अभ्यास कराने की जगह छुट्टी कर दी जाती है।
नहीं हो पाती शालेय गतिविधियां
स्कूल में खेलों को बढ़ावा देने शिक्षा विभाग द्वारा सभी स्कूलों में खेल मैदान की उपलब्धता पर जोर दिया जा रहा है लेकिन धरातल पर प्राइमरी से लेकर हाईस्कूल तक मैदान का अभाव खल रहा है। वर्तमान में शासन द्वारा इनडोर व आउटडोर खेल सामग्री के लिए प्राथमिक शाला को 5 हजार एवं माध्यमिक शाला में 10 रूपए आवंटित भी किए हैं। खेल मैदान के अभाव में शालेय स्पर्धाएं आयोजित नहीं हा पाती हैं या रस्म अदायगी कर दी जाती है। जिन विद्यालयों के पास खुला क्षेत्र है वहां तो कुछ आयोजन हो भी जाते है, लेकिन जहां भूमि की कमी है वहां आयोजन भी नहीं हो पाते है।
ब्लॉक में हैं कई खेल प्रतिभाएं
राज्य स्तर पर स्कूल में खेलों को बढ़ावा देने कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं। विद्यालय, जिला और राज्य स्तर पर तरंग मीट प्रतियोगिता के अलावा जिलास्तरीय स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता भी होती है। स्कूलों के माध्यम से यह प्रतिभा निकलकर सामने आती है। विकासखंड के स्कूलों से अब तक कई बच्चे जिला, संभाग, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर खेलों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं मगर खेल मैदानों की कमी से उनके सामने आने में बड़ी समस्या आती है।
इनका कहना है
प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में कहीं भी व्यवस्थित खेल मैदान नहीं है। विद्यालयों के सामने खुले क्षेत्र में ही बच्चों को अभ्यास कराया जाता है एवं शालेय स्पर्धाएंं आयोजित की जाती हंै। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
जीआर चौरसिया, बीआरसी खिरकिया

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