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हरदा

बारह साल पहले 3547 फर्जी खातों पर हुआ था ऋण माफ, जांचों में उलझाकर रखा मामला

शिकायत के बाद छह साल पहले मिले थे नौ सहकारी समितियों में फर्जी खाते, किसने खोले यह अब तक उजागर नहीं

हरदाJul 14, 2020 / 09:35 pm

gurudatt rajvaidya

बारह साल पहले 3547 फर्जी खातों पर हुआ था ऋण माफ, जांचों में उलझाकर रखा मामला

बारह साल पहले 3547 फर्जी खातों पर हुआ था ऋण माफ, जांचों में उलझाकर रखा मामला

हरदा। तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2008 में हुई ऋण माफी के दौरान किसानों के फर्जी नाम से नौ सहकारी समितियों में 3547 फर्जी खाते किसने खोले यह खुलासा अब तक नहीं हो सका है। मामले को सालों से जांचों में दबाकर रखा गया है। एक साल पहले सहकारिता विभाग को एक बार फिर यह कार्य मिला, लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं दी गई।
शिकायतकर्ता अधिवक्ता दिनेश यादव के मुताबिक केंद्र सरकार की कृषि ऋण माफी योजना में टिमरनी सहकारी बैंक से संबद्ध 9 समितियों के किसान सदस्यों का वास्तविक कर्जा करीब डेढ़ करोड़ रुपए था। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इन समितियों में साढ़े 13 करोड़ रुपए माफ किए गए। वर्ष 2011 में उन्होंने इन समितियों के खिलाफ जांच की मांग संबंधी आवेदन दिए थे। इसके बाद प्रशासन व सहकारिता विभाग के अधिकारियों से कई बार कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन हुआ कुछ नहीं। वर्ष 2012 में उन्होंने राज्यपाल सेे इसकी शिकायत की तो राजभवन से कलेक्टर को कार्रवाई का लिखा गया था। एक साल तक कार्रवाई नहीं हुई तो राजभवन से कलेक्टर को स्मरण पत्र लिखा गया। कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने खातों की जांच की तो ३५4७ खातेदारों को राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं पाया। तहसीलदार ने 1 फरवरी 2013 को फर्जी खातेदारों की संख्या के विवरण के साथ कलेक्टर को रिपोर्ट दी थी। अधिवक्ता यादव के मुताबिक ईओडब्ल्यू ने वर्ष 2011 में 9 में से केवल तीन (मनियाखेड़ी, पोखरनी और गोंदागांव कला) सहकारी समितिे के खिलाफ ही कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज की। यादव के मुताबिक बीते साल सहकारिता पंजीयक ने सहायक पंजीयक को पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन यह जांच भी अब तक पूरी नहीं हो सकी।
नाबार्ड ने भी की थी विस्तृत जांच
यादव ने बताया कि नाबार्ड द्वारा कराई गई ऋणमाफी की विस्तृत जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने इन तीनों समितियों के अलावा हरदा बैंक से संबद्ध 14 और खिरकिया बैंक से संबद्ध 1 सहकारी समिति तथा बैंक के 27 लोगों के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 467, 468, 471, 409, 120 (बी) सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि इनमें खातों में फर्जीवाड़ा करने वाली नौ में से छह समितियों को छोड़ दिया गया। इस प्रकरण का चालान भी अब तक पेश नहीं हो सका।
इन समितियों में सामने आया था फर्जीवाड़ा
सहकारी समिति फर्जी खातों की संख्या
मनियाखेड़ी 333
गोंदागांव कला 451
तजपुरा 428
छिदगांव मेल 252
पोखरनी 396
करताना 362
गोंदागांव खुर्द 418
बाजनिया 560
रुंदलाय 347
इनका कहना है
वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक को जांच दी गई थी। उनसे चर्चा ुहई है। संभवत: तीन दिन में रिपोर्ट मिल जाएगी।
– अखिलेश चौहान, सहायक पंजीयक, सहकारिता विभाग हरदा
दोनों पक्षों के बयान दर्ज हो चुके हैं। राजस्व विभाग से रिकार्ड मिलने में भी देरी हुई। संयुक्त जांच प्रतिवेदन जल्द ही तैयार हो जाएगा।
– शमसुल हक, वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक एवं जांच अधिकारी, सहकारिता विभाग हरदा।

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