प्रदेश सरकार सिर्फ असंगठित मजदूर, कर्मकार, बीपीएल कार्डधारी और किसान उपभोक्ताओं के ही प्रकरण वापस लेने जा रही है। कंपनी के अनुसार जिले के तीनों विकासखंडों में बिजली चोरी के 2180 प्रकरण न्यायालय में लंबित हैैं। लगभग 1500 उपभोक्ताओं के प्रकरण वापस लिए जाएंगे। वहीं उक्त उपभोक्ताओं पर बिजली चोरी की धाराओं के तहत लगभग साढ़े 4 करोड़ रुपए का जुर्माना भी माफ किया जा सकता है। प्रकरण माफ होने के बाद उपभोक्ताओं पर लगाया गया सरचार्जभी माफ किया जाएगा। वसूली की मूल राशि का आधा भाग बिजली कंपनी और आधा भाग मप्र शासन को देना होगा। ऊर्जा विभाग से आदेश मिलने के बाद बिजली कंपनी जिले के ऐसे उपभोक्ताओं को चिन्हित कर रही है। कंपनी द्वारा चिन्हित किए गए उपभोक्ताओं के घरेलु प्रकरण, बिजली चोरी व मोटर पंप उपयोग करने के दौरान बने प्रकरणों को अलग-अलग कर रही है।
विद्युत कंपनी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई सरल बिजली स्कीम और समाधान योजना के तहत जिले के हजारों उपभोक्ताओं का करोड़ों बिल माफ किया गया है। इसके तहत सरल बिजली स्कीम अंतर्गत 24 हजार 532 हितग्राहियों और समाधान योजना के 32289 उपभोक्ताओं का लगभग १2 करोड़ 17 लाख रुपए का बिल माफ कर दिया गया है। वहीं अभी भी कईउपभोक्ताओं के बिल माफ करने की प्रक्रिया चल रही है।
बिजली से जुड़े अपराध के संबंध में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 में बिजली का अप्राकृतिक उपयोग, 135 में बिजली चोरी और धारा 138 में मीटर से छेड़छाड़ के मामले दर्ज होते हैं। चोरी के मामले में पकड़े जाने पर कंपनी जुर्माना लगाकर छोड़ देती है।जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर हितग्राही को गिरफ्तार कर 6 से 8 गुना जुर्माना लगाया जाता है। बिजली मीटर से छेड़छाड़ के मामले में जुर्माने के साथ ही गिरफ्तारी की जाती है। तीनों धाराओं में संबंधित आरोपी के खिलाफ विशेष न्यायालय में केस भी चलता है। ऐसे केस में सरचार्ज के साथ चोरी की राशि जमा करने के अलावा तीन साल तक की सजा का प्रावधान भी है।
अभी तक सरल बिजली स्कीम और समाधान योजना अंतर्गत बिजली बिल लगभग 56 हजार 821 उपभोक्ताओं के करीब 12 करोड़ 17 लाख रुपए माफ किए जा चुके हैं। जिले के करीब 2180 बिजली चोरी के प्रकरण हैं, जिनमें से लगभग 1500 उपभोक्ताओं के प्रकरण वापस लिए जाने की तैयारी की जा रही है। 25 अगस्त को होने वाली नेशनल लोक अदालत में मामलों का निराकरण होगा।
शैलेष जराठे, एई शहर, विद्युत वितरण कंपनी, हरदा