नाले में छोड़ दिया नहर का पानी, सौ एकड़ में खड़ी गेहूं फसल बर्बाद
किसान कई बार कर चुके हैं शिकायत,लेकिन नहीं होती सुनवाई
किसान कई बार कर चुके हैं शिकायत,लेकिन नहीं होती सुनवाई
हंडिया. नहर के पानी के वितरण में लापरवाही का खामियाजा निरीह किसानों को भुगतना पड़ रहा है। नहर का पानी नाले में छोड़ दिया गया है। ओवरफ्लो नहरों और नालों का यह पानी खेतों में जा पहुंचा है। खेत में पानी भर जाने से फसल बर्बाद हो गई है। पानी भर जाने से करीब १०० एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। बताया जा रहा है कि नहर का पानी विगत दो दिनों से खेतों में भर रहा है जिससे किसानों की फसल खराब हो रही है। किसान दो दिनों से विभाग के अधिकारियों को बार-बार फोन कर स्थिति से अवगत करा रहे हैं पर इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे स्थिति बद से बदतर होती गई। किसानों के मुताबिक नहरों का सारा पानी नाले में छोड़ दिए जाने के परिणामस्वरूप यह स्थिति बनी। ओवरफ्लो नहरों के साथ ही नालों का पानी खेतों में भर गया जिससे गेहूं की फसल खराब हो गई। क्षेत्र में सभी किसानों का दो-दो पानी पूर्ण हो चुका है। टेल एरिया के किसान भी लम्बे समय तक पानी को लेकर खासे परेशान रहने के बाद सिंचाई कर चुके हैं। अब किसान नहरों से पानी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में नहर का पानी नाले में छोड़ा जा रहा है। किसान प्रभात पटेल ने बताया कि जब किसानों को पानी की जरूरत थी तब उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया। अब नाले में पानी बहाकर फसल बर्बाद की जा रही है।
सोयाबीन भी करता है बर्बाद- इस नाले के कारण करीबन आधा दर्जन गांव के किसान बारिश में भी बर्बाद होते हैं। प्रतिवर्ष इन गांवों की लगभग एक हजार एकड़ में लगी सोयाबीन की फसल खराब हो जाती है। इसके चलते धीरे-धीरे क्षेत्र के कई किसानों ने तो सोयाबीन बोना ही बंद कर दिया है।
हर साल होता है नुकसान-जब किसान अपने खेतों में नहर से पानी लेना बंद कर देते हैं उस स्थिति में इस पानी को टेल एरिया व नालों में छोड़ दिया जाता है। नहरों-नालों के ओवरफ्लो होते ही यह पानी खेतो में भराने लगता है और फसल खराब कर देता है। हंडिया, वांगरूल, मालपौन, गोला आदि ग्रामों की फसल हर साल खराब होती है। अभी करीब १०० एकड़ जमीन में लगी गेहूं की फसल में पानी भरा है जिससे फसल खराब होने की कगार पर जा पहुंची है।
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