पगडंडी में तब्दील हुआ छीपावड़ मुक्तिधाम पहुंच मार्ग, शवों को अंदर तक ले जाने में हो रही फजीहत
कई समस्या से जूझ रहा छीपाबड़ मुक्तिधाम, नपं नहीं दे रही ध्यान
पगडंडी में तब्दील हुआ छीपावड़ मुक्तिधाम पहुंच मार्ग, शवों को अंदर तक ले जाने में हो रही फजीहत
खिरकिया. फोटो में दिखने वाला रास्ता किसी गांव की पगडंडी नहीं, बल्कि नगर का छीपाबड़ मुक्तिधाम पहुंच मार्ग है। आप सोच रहे होंगे, इससे चौड़े तो गांव के गोहे होते है, लेकिन क्या करें इसे नागरिकों की बदकिस्मती या नगर परिषद की उदासीनता कहें। यह समस्या वर्षों से बनी हुई है। मुक्तिधाम पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य स्वीकृत है। इसका ठेका भी दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक इसका निर्माण कार्य नगर परिषद नही करा सकी। ऐसी स्थिति में मुक्तिधाम तक शवों को पहुंचाने में नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। छीपाबड़ मुक्तिधाम में यह एक परेशानी नहीं है, बल्कि कई समस्याओं से नागरिकों को जूझना पड़ रहा है। इसको लेकर नागरिकों द्वारा कई बार नपं को अवगत कराया, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मुक्तिधाम को संवारकर शांतिधाम बनाने की बात नगर परिषद द्वारा कही जाती है, लेकिन शांतिधाम तो दूर वहां की व्यवस्थाएं ही ठीक नहीं है।
क्षतिग्रस्त व संकीर्ण रहा मुक्तिधाम पहुंच मार्ग-
खिरकिया-छीपाबड़ मुख्य मार्ग से कुछ दूरी पर अंदर की ओर मुक्तिधाम स्थित है। जहां तक पहुंचने के लिए नाले के बाजू से पहुंच मार्ग है। जो वर्तमान में कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो रहा है। मार्ग पर खरपतवार और घास उग आई है। इसके बीच से आवागमन के लिए पगडंडी मार्ग की जगह बची है। मार्ग निर्माण तो दूर नगर परिषद खरपतवार और घास की सफाई तक नहीं करा सकी है। नाले में पानी के बहाव के चलते कई स्थानों से मार्ग कट चुका है। इससे मार्ग की चौड़ाई कम हो गई है। कच्चा मार्ग होने के कारण प्रतिवर्ष बारिश में मार्ग की चौड़ाई कम होती जा रही है। मार्ग पथरीला होने के कारण जगह-जगह पत्थर पड़े है। कई स्थानों पर गड्ढे भी हो गए है। ऐसी स्थिति में अंतिम यात्रा में जाने से भी लोग हिचकिचाते है।
नहीं हुआ रिटर्निंग वॉल एवं मार्ग का निर्माण-
मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के तहत मुक्तिधाम तक पहुंच मार्ग का निर्माण किया जाना है, लेकिन अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। जबकि मार्ग निर्माण के लिए लाखों रुपए तीन वर्ष से अधिक समय से स्वीकृत है। मुख्य मार्ग के सिंध वाले नाले के बाजू से मुक्तिधाम तक मार्ग का निर्माण किया जाना है। नाले में पानी आने से होने वाले कटाव को रोकने के लिए नाले की रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया जाना है। इसको लेकर भी निर्माण की कोई प्रक्रिया नहीं दिख रही है। पूर्व में कार्यों में लेटलतीफी की गई। इसके बाद लॉकडाउन और अब बारिश को कारण बताया जा रहा है।
न लकड़ी शेड, न ट्यूबवेल, न हैंडपंप-
मुक्तिधाम का निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन लकड़ी रखने के लिए शेड का निर्माण नहीं किया गया। इससे बारिश में लकडिय़ां भींग जाती है। इसके अलावा मुुक्तिधाम में न तो कोई ट्यूबवेल खनन कराया गया है, और ना ही हैंडपंप लगाया है। सुविधाघर का भी निर्माण नहीं है। इससे मुक्तिधाम में आने वाले लोगों को परेशानी होती है। मुक्तिधाम का सभागृह भी क्षतिग्रस्त हो रहा है, सभागृह की दीवारों में बड़ी बड़ी दरारें आ रही है। सभागृह के सीढिय़ों की टाइल्स उखड़ रही है। शेड भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। इनके निर्माण को ज्यादा समय नहीं हुआ है, बावजूद इसके निर्माण की पोल खुल रही है। गुणवत्ताहीन निर्माण होने की बात नागरिकों द्वारा कही जा रही है।
इनका कहना है-
मार्ग का निर्माण कार्य नहीं हो सका है। इसके बावजूद वर्तमान परेशानियों को देखते हुए मुक्तिधाम पहुंच मार्ग पर मुरमीकरण किया जाएगा। अन्य व्यवस्थाओं में भी सुधार किया जाएगा।
एआर सांवरे, सीएमओ, नपं खिरकिया
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