शासन के आदेश के बाद पत्रिका ने गुरुवार को कुछ बच्चों के बच्चे तौले तो तीसरी कक्षा के बच्चे के बस्ते का वजन 5 किलो निकला। नियमानुसार इसका वजन 2 से 3 किलो रहना चाहिए। इसी तरह कक्षा पांचवी, छटवीं, सातवीं, आठवीें आदि में पढऩे वाले बच्चों के वजन भी अधिक निकले।
कक्षा वजन
1 से 2 १.५ किलो
३ से ५ 2 से 3 किलो
६ से 7 ४ किलो
8 से९ ४.५ किलो
10 5 किलो कंधे पर क्षमता से अधिक बोझ लादना नुकसानदायक
डॉक्टर्स के अनुसार भारी बैग उठाने से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उनमें तनाव भी बढ़ता है। बच्चों का भारी स्कूल बैग ले जाना जारी रहा तो आगे चलकर उन्हें स्पॉन्डलाइटिस, झुकी हुई कमर और पॉस्टर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। अगर बच्चे नियमित रूप से अपने वजन का 10 प्रतिशत से ज्यादा बोझ कंधे पर उठाएंगे तो उनको स्थाई नुकसान होगा। अध्ययन के मुताबिक रोजाना 5.5 और 7 किग्रा से ज्यादा वजन उठाने से बच्चों के हाथ, पैर और कंधों में दर्द शुरू हो जाता है।
– बच्चा स्कूल केवल वही चीजें ले जाए जो जरूरी हैं
– बच्चों में बचपन से ही एक्सर्साइज और योग की आदत डालें।
– स्कूल बैग ऐसी डिजाइन वाला खरीदें जिसके शोल्डर स्ट्रैप्स पैड वाले हों। इससे गर्दन और कंधों पर कम दबाव आएगा।
– बैग को लटकाने के बाद बच्चे का पॉस्चर चेक करना जरूरी है।
वाट्सएप पर शासन के आदेश मिले हैं। लोक शिक्षण संचालनालय से इस संबंध में विस्तृत निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– सीएस टैगोर, जिला शिक्षा अधिकारी, हरदा
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बच्चों के बस्तों का वजन कम करने शासन ने आदेश जारी किए हैं। इन पर अमल के लिए जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे।
– डॉ. आरएस तिवारी, डीपीसी, जिला शिक्षा केंद्र हरदा