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हरदा

अवैध कालोनी का निर्माण कर बेचे प्लाट, कॉलोनाइजर के विरूद्ध दायर किया जाएगा परिवाद

चर्चित बाड़ी मैदान में अवैध कालोनी निर्माण का मामला, एसडीएम ने कलेक्टर से मांगी अनुमतिन्यूनतम 3 व अधिकतम 7 वर्ष की होगी सजा

हरदाAug 06, 2020 / 08:56 pm

gurudatt rajvaidya

अवैध कालोनी का निर्माण कर बेचे प्लाट, कॉलोनाइजर के विरूद्ध दायर किया जाएगा परिवाद

अवैध कालोनी का निर्माण कर बेचे प्लाट, कॉलोनाइजर के विरूद्ध दायर किया जाएगा परिवाद

खिरकिया. कॉलोनाइजर द्वारा अवैध रूप से कॉलोनी बनाकर लोगों को भूखंड बेच दिए गए, लेेकिन इसके लिए नियमों और दस्तावेजों की पूर्ति नहीं की गई है। कॉलोनी के संबंध में बार-बार कॉलोनाइजर से आवश्यक जानकारी चाही गई, लेकिन कॉलोनाइजर द्वारा लापरवाही और मनमानी करते हुए सक्षम अधिकारी को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। ऐसे में अधिकारियों के आदेशों एवं नियमों की अवहेलना पर कॉलोनाइजर के विरूद्ध जेल भेजने की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। कॉलोनाइजर के विरूद्ध इस तरह की कार्रवाई किया जाना संभवत: जिले का पहला मामला है। नगर के मध्य स्थित बाड़ी मैदान में निर्मित की गई कॉलोनी को लेकर एसडीएम श्यामेन्द जायसवाल ने यह कार्रवाई प्रस्तावित की है। खसरा 406/1/5 एरिया 0.41 3 हेक्टेयर में स्थित बाड़ी मैदान पूर्व से चर्चित एवं प्रसिद्ध स्थान है। जिस पर मारवाड़ी डेव्हलपर ने कॉलोनी बनाई है। इसका स्वामित्व बद्रीप्रसाद मारवाड़ी पर है। कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी तो बना दी गई है, लेकिन यहां पर किसी प्रकार कीे मूलभूत व्यवस्था नहीं की गई है, और ना ही नियमों को पूरा कर कॉलोनी का निर्माण किया गया है।
कई बार मौका देने के बाद भी उपलब्ध नहीं कराए दस्तावेज-
कॉलोनी के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्यामेनद्र जायसवाल को जानकारी प्राप्त होने पर तहसीलदार अलका एक्का से प्रतिवेदन मांगा। उनके प्रतिवेदन मेंं अवैध कॉलोनी की पुष्टि की गई। इसके बाद एसडीएम द्वारा 2 बार एससीएन जारी किए गए। साथ ही कॉलोनी के संबंध में आवश्यक दस्तावेज मांगें। एसडीएम द्वारा कॉलोनाइजर बद्रीप्रसाद मारवाड़ी से कॉलोनी रजिस्ट्रेशन, डायवर्सन आर्डर 172, मप्र भू राजस्व संहिता 1959 विकास की अनुमति, पूर्णता प्रमाण पत्र, टीएनसीपी का नक्शा एवं टीएनसीपी अनुमति आदि जानकारी चाही गई। इसको लेकर कॉलोनाइजर को कई बार मौके दिए गए, लेकिन उनके द्वारा जानकारी प्रस्तुत नहीं की जा सकी। कई बार मौका देने के उपरांत बद्री प्रसाद तिवारी ने न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत किया, लेकिन आवश्यक दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराए। भूखंड विक्रय पर लगाई रोक, लगाया अवैध कॉलोनी का बोर्ड-
कॉलोनी में अब भूखंडों का विक्रय नहीं किया जा सकेगा। एसडीएम ने इसको लेकर नपं सीएमओ एआर सांवरे को निर्देशित किया है। इसमें उन्होंने कहा कि कॉलोनी में किसी भी प्रकार से प्लॉट विक्रय ना हो। अवैध कॉलोनी का बोर्ड भी लगाया जाए। साथ ही उप पंजीयक को इस भूमि से संबंधित क्रय-विक्रय नियमानुसार ना करने को लेकर आदेशित किया है। गौरतलब है कि कॉलोनी में पूर्व कई भूखंडों का विक्रय हो चुका है, वहीं कुछ पूर्व से निर्मित है। ऐसे में इस कार्रवाई से अवैध कॉलोनी में वर्षों से निवास कर रहे लोगों में उम्मीद जागी है।
कलेक्टर से न्यायालय में परिवाद दायर करने की मांगी अनुमति-
कॉलोनाइजर के विरुद्ध धारा 339 (ब) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 अध्याय 12(ए) अंतर्गत न्यूनतम 3 साल एवं अधिकतम 7 साल की जेल संबंधी आगामी कार्रवाई करने के लिए सक्षम न्यायालय में परिवाद दायर किया जाएगा। इसके लिए एसडीएम ने कलेक्टर सेे अनुमति हेतु प्रकरण प्रेषित किया है।
इनका कहना है-
कॉलोनाइजर को बार बार मौका देने के बावजूद आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। कॉलोनी में प्लाट के विक्रय न हो इसके लिए सीएमओ को निर्देशित किया है। न्यायालय में परिवाद दायर करने के लिए कलेक्टर को प्रकरण प्रेषित कर अनुमति मांगी है।
श्यामेन्द्र जायसवाल, एसडीएम, खिरकिया
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