केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण में हो रही लेटलतीफी पर अब भोपाल के अधिकारियों द्वारा नाराजगी जताईजा रही है। गत दिवस केंद्रीय विद्यालय संगठन भोपाल की असिस्टेंट कमीशनर श्रद्धा झा ने काशीबाई कन्या पाठशाला में संचालित विद्यालय का निरीक्षण किया था। उन्होंने भवन निर्माण को लेकर शिक्षकों से चर्चाकी थी। वहीं अबगांवखुर्द में बनने वाले भवन स्थल का जायजा लिया था। ठेकेदार के गारंटी पेपर निरस्त होने की बात सामने आने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए इसकी जानकारी दिल्ली संगठन को दी।
वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय दो स्थानों पर लग रहा है। कक्षा 1 से 10 वीं तक की कक्षाएं १४ कमरों में काशीबाई कन्या पाठशाला में लग रही है, वहीं 11 वीं और 12 वीं की कक्षा मिडिल स्कूल के ४ कमरों में संचालित हो रही है। यहां पर छोटे-छोटे कमरों होने से स्कूल की कम्प्यूटर, विज्ञान सहित अन्य गतिविधियां करने में विद्यालय प्रबंधन को काफी दिक्कतें हो रही हैं। विद्यालय में करीब ३०० छात्र-छात्राएं अध्ययनरत् हैं।
उल्लेखनीय हैकि विद्यालय संचालन के लिए पर्याप्त कमरे नहीं होने के कारण चार कक्षाओं को बंद रखा गया है। फिलहाल स्कूल में कक्षा 1, 2, 3 के बाद सीधे 8 , 9, 10, 11, 12 वीं की कक्षाएं लग रही हैं। जबकि 4, 5, 6 और 7 वीं की कक्षाएं नहीं लगती हैं। विद्यालय को खुले हुए करीब आठसाल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन खुद का भवन तैयार नहीं हो पाया है।
काशीबाई कन्या पाठशाला में चल रहे केंद्रीय के परिसर में गड्ढे होने से बच्चों को खेलने में परेशानियां हो रही हैं। वहीं बारिश का पानी जमा हो रहा है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा परिसर को सीमेंटीकृत करने की मांग की गईथी, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पूर्व में की गई सीमेंटेड जमीन की गिट्टियां निकली होने से व्हालीवाल खेलने वाले विद्यार्थियों के पैरों में चुभती हैं।
केरल की कंपनी को केंद्रीय विद्यालय का भवन बनाने का ठेका दिया गया है, लेकिन ठेकेदार ने लेटतीफी करते हुए दो साल निकाल दिए हैं। अब ठेकेदार के गारंटी पेपर भी निरस्त हो गए हैं, जिससे भवन का काम दो साल के लिए अटक गया है। भवन का काम जल्दी शुरूकरने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन नईदिल्ली को पत्र लिखा गया है।
देवनाथ राम, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय, हरदा