गाय के गोबर से बनाई जा रही लकडिय़ों से किया जाएगा दाह संस्कार
गौशाला समिति द्वारा प्रोजेक्ट शुरू किया
गाय के गोबर से बनाई जा रही लकडिय़ों से किया जाएगा दाह संस्कार
खिरकिया. पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए अब गाय के गोबर से लकड़ी बनाने का काम शुरू हो गया है। यह प्रयोग स्थित चारुवा गुप्तेश्वर गौशाला में शुरू किया गया। गौशाला समिति द्वारा यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। गाय के गोबर से लकड़ी बनाने के लिए एक मशीन गौशाला में लगाई गई है, जिसका नाम गौकाष्ट रखा गया है। इन लकडिय़ों को कम दामों पर मुक्तिधाम में उपलब्ध कराए जाने की योजना है, जिससे मुक्तिधाम में दाह संस्कार के लिए लकडिय़ों की आपूर्ति हो सकेगी। इसकी कीमत फिलहाल 500 रुपए प्रति क्विंटल रखी गई है। जानकारी के अनुसार करीब 1 क्विंटल गोबर से 50 किलो लकड़ी बन रही है। एक मशीन से दिनभर में 10 क्विंटल गोबर से लकडिय़ां बनाई जा रही हंै। इसका उत्पादन अधिक होने पर विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह लकडिय़ां पर्यावरण के लिए सुरक्षित होगी। गौशाला के उपाध्यक्ष प्रेमनारायण खोरे शिवनारायण साद ने बताया कि जब उन्होंने कंडे जलाकर होली मनाने का संदेश पढ़ा, तब उनके मन में गोबर से गौकाष्ठ बनवाने का ख्याल आया। उन्होंने ऐसी मशीन की जानकारी भी उपलब्ध हो गई। उसके बाद उन्होंने इस प्रोजेक्ट को ऑनलाइन वीडियो देखने एवं अन्य गौशालाओं से संपर्क करने के बाद स्थानीय गौशाला में शुरू किया है। इस वर्ष अधिकांश होलिका दहन में गोकाष्ठ का उपयोग होगा। उन्होंने बताया कि गौकाष्ठ बनाए जाने के बाद गौशाला द्वारा गोबर के घनावृत्त व जीवामृत बनाने की योजना भी है। यह एक प्रकार के जैविक टानिक व कीटनाशक टिकिया होंगे। घनावृत एवं जीवामृत बागवानी के लिए अधिक उपयोगी होंगे। पौधों के जड़ो पर रखने से खाद व पोषक तत्वों के रूप में कार्य करेंगे।