समर्थन मूल्य खरीदी पर संकट के बादल, केंद्रों पर तैयारी पूरी लेकिन हम्मालों की कमी
– शासन ने 1 अप्रैल से खरीदी शुरू करने के दिए हैं निर्देश, अधिकारी स्थानीय स्तर पर हम्मालों की व्यवस्था में जुटे, लेकिन सफलता नहीं मिल रही
समर्थन मूल्य खरीदी पर संकट के बादल, केंद्रों पर तैयारी पूरी लेकिन हम्मालों की कमी
हरदा। जिले में 1 अप्रैल से शुरू होने वाली गेहूं की समर्थन मूल्य खरीदी पर संकट के बादल छा गए हैं। कोराना वायरस के संक्रमण फैलने को लेकर देशभर में किए गए लॉकडाउन का असर इस पर भी पड़ रहा है। दरअसल खरीदी व परिवहन के दौरान जिले में बड़ी संख्या में हम्माल लगते हैं। इनमें बड़ी संख्या बिहार और उप्र के मजदूरों की रहती है। स्थानीय ठेकेदार हर साल इनकी व्यवस्था आसानी से कर लेते हैं, लेकिन इस बार उन्हें पसीना छूट रहा है। आवागमन के साधन न होने से चाहकर भी उनका यहां पहुंचना नामुमकिन लग रहा है। खबर है कि प्रशासन के अधिकारियों और ठेकेदारों ने स्थानीय स्तर पर हम्मालों से चर्चा के प्रयास किए, लेकिन संक्रमण फैलने के भय से कोई भी केंद्रों पर काम करने को राजी नहीं हो रहा। ठेकेदारों को यह चिंता भी सता रही है कि जैसे-तैसे मजदूरों की व्यवस्था हो भी जाती है तो उन्हें खतरनाक संक्रमण से कैसे बचाया जाएगा।
सायलो पर खरीदी शुरू होने को लेकर भी असमंजस
टिमरनी तहसील के बघवाड़ गांव में स्थित स्टील सायलो पर खरीदी में हम्मालों की जरुरत नहीं रहती। लिहाजा यहां आसानी से यह कार्य शुरू हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक सायलो प्रबंधन ने भी खरीदी शुरू करने को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। स्टाफ के न आने को इसका कारण बताया गया है। प्रबंधन ने नागरिक आपूर्ति निगम को यह लिखकर भी दिया है। हालांकि नान के जिला प्रबंधक आरके पोरवाल द्वारा मोबाइल कॉल रिसीव नहीं करने के चलते इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। जिला आपूर्ति अधिकारी केएस पेन्ड्रो के अनुसार उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सायलो प्रबंधन ने खरीदी करने में असमर्थता जताई है।
101 केंद्रों पर तैयारी पूरी, सिर्फ तौलने की समस्या
एआरसीएस अखिलेश चौहान ने बताया कि जिले में 101 केंद्रों पर खरीदी की तैयारी पूरी हो चुकी है, लेकिन तुलावटियों और हम्मालों की कमी है। यह कमी पूरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
७५०० मीट्रिक टन खरीदी होगी एक केंद्र पर
शासन के निर्देश अनुसार इस वर्ष केंद्रों की खरीदी क्षमता बढ़ाई गई है। जिला आपूर्ति अधिकारी केएस पेन्ड्रो के अनुसार एक केंद्र पर अब 5 हजार मीट्रिक टन के बजाए साढ़े ७ हजार मीट्रिक टन खरीदी की जाएगी।
1 लाख ६७ हजार हेक्टेयर रकबे में हुई थी गेहूं की बोवनी
जिले में १ लाख ८७ हजार हेक्टेयर रकबे में रबी की मुख्य फसलें बोई गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा १ लाख ६७ हजार हेक्टेयर में गेहूं, १७००० हेक्टेयर में चना व ३००० हेक्टेयर रकबे में मक्का की बुवाई हुई है।
४३८५४ किसानों ने कराया है पंजीयन
खाद्य विभाग के अनुसार समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए जिले के ४७४९७ किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें गेहंू बेचने वाले ४३८५४ व चना बेचने वाले ९३९९ तथा सरसों सहित अन्य उपज बेचने वाले ५२ किसान हैं।
इस वर्ष यह रहेगा समर्थन मूल्य
गेहूं : १९२५ रुपए प्रति क्विंटल
चना : ४८७५ रुपए प्रति क्विंटल
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