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हरदा

आदिवासियों का निर्णय: सरकार ने मनमानी की तो डूब जाएंगे,अपना घर,खेत नहीं छोड़ेंगे

 
हरदा। तीन जिलों से करीब 200 गांवों से जुड़ी मोरंड गंजाल सिंचाई परियोजना से प्रभावित होने वाले आदिवासी बहुल चार गांवों के करीब 100 लोगों ने शनिवार को बोथी में दोपहर में बैठक की। इसमें बोथी,कायरी,महुखाल,डोंग,डोमरा के आदिवासियों ने सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि उन्हें यह परियोजना नहीं चाहिए,जिसका जीवन,पर्यावरण,वन संपदा और संस्कृति तथा वन्य जीव और भूमि खतरे में पड़े। वे परियोजना के पानी में डूब कर मरने को राजी हैं,लेकिन अपना घर और खेत की जमीन नहीं छोडेंगे।

हरदाJun 03, 2023 / 09:09 pm

Mahesh bhawre

आदिवासियों का निर्णय: सरकार ने मनमानी की तो डूब जाएंगे,अपना घर,खेत नहीं छोड़ेंगे

Decision of the tribals: If the government acts arbitrarily, they will drown, they will not leave their homes and fields


आदिवासी अपने निर्णय से कलेक्टर को अवगत कराने सोमवार को ज्ञापन देने हरदा आएंगे। इधर एनवीडीए के अफसरों ने सोमवार को गांव में फिर बातचीत के लिए आने की बात कही है।
— नर्मदापुरम के सिवनी मालवा,बैतूल के चिचोली और खंडवा के हरसूद के गांवों की सिंचाई के लिए तैयार की गई मोरंड गंजाल संयुक्त सिंचाई परियोजना से नाराज आदिवासियों ने शनिवार को बोथी में इस मामले की अगली रणनीति तय करने बैठक रखी। इसमें रामप्रसाद काजले,जगदीश देवड़ा,दशरथ कमल,रामबक्स रवस्कर,जनपद सदस्य सुंदरलाल मवासे आदि ने कहा कि प्रभावित होने वाले गांव के लोग शुुरु से ही इस परियोजना के पक्ष में नहीं हैं। अब अधिकारी दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रभावित होने वाले गांव के लोगों ने एक स्वर में कहा कि वे यहां पूर्वजों के जमाने से रहे हैं। विस्थापन से उनकी यादे,संस्कृति,रहन सहन का पारंपरिक तरीका और नई जगह पर रोजगार की नई चुनौती,जलवायु,पानी के बदलाव के असर जैसी कई चुनौतियों से जुझना पडेगा,वे इसके लिए यहीं डूबकर मरने को तैयार हैं,लेकिन खेत और घर नहीं छोड़ेंगे। गांव की बुजुर्ग रामकुंवर बाई ने कहा कि हमें ऐसा डेम नहीं चाहिए,जिससे जंगल,पेड और जमीन डूबे। पहले भी कई डेम बने,जिसके विस्थापित आज भी सुविधाओं को तरस रहे हैं।

बाक्स में
परियोजना के विरोध में बोथी में होने वाली बैठक की जानकारी एनवीडीए के अफसरों को भी लग गई थी,इस कारण वे भी फारेस्ट एरिया में भ्रमण करते रहे। सामाजिक कार्यकर्ता राम काजले ने बताया कि अधिकारी मौके पर आए,जब उनसे रुकने को कहा तो वे यह कहकर चले गए कि अभी किसी और काम से आए थे,सोमवार को अन्य अफसरों के साथ आकर फिर से बात करेंगे। बैठक में जिदंगी बचाओ संगठन से जुड़े लोगों ने यह भी कहा कि अधिकारी अभी तक उन्हें सही जानकारी भी नहीं दे रहे हैं,जिससे सभी में काफी संशय है। पूरे मामले के विरोध में वे सोमवार को ट्रेक्टर ट्रॉली से हरदा में कलेक्टर से आकर मिलेंगे।

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