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हरदा

जिला अस्पताल का प्रिंटर का खराब, दो घंटे लाइन में खड़े रहे मरीज

– समय पर पर्चियां नहीं बनने से इलाज से वंचित हो रहे रोगी, अस्पताल प्रबंधन नहीं कर रहा व्यवस्था

हरदाSep 18, 2018 / 01:00 pm

sanjeev dubey

District Hospital's bad printer

जिला अस्पताल का प्रिंटर का खराब, दो घंटे लाइन में खड़े रहे मरीज

हरदा. जिला अस्पताल में मरीजों के साथ लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले तीन दिनों से ओपीडी के कम्प्यूटर का प्रिंटर खराब होने से मरीजों का पर्चियां समय पर नहीं बन पा रही है, जिससे उन्हें इलाज से भी वंचित रहना पड़ रहा है। सोमवार को रोगियों को पर्चियां बनवाने के लिए दो घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ा। इस दौरान मरीजों हंगामा भी किया। जानकारी के अनुसार मरीजों को डॉक्टर के पास जाने से पहले पर्चियां बनवाना पड़ता है। यहां पर दो कम्प्यूटर रखे हुए हैं, जिसमें से एक का प्रिंटर खराब हो गया है। इसके चलते कर्मचारियों द्वारा हाथ से पर्चियां बनाकर देने में काफी समय लग रहा है। सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक डॉक्टर बैठते हैं। किंतु मरीजों की संख्या इतनी होने से उन्हें पर्चियां लेने के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। दोपहर डेढ़ बजे तक मरीज पर्चियां बनवाने के लिए खड़े रहे। एक बजते ही डॉक्टर अपने चेंबर से उठकर चले गए। बाद में मरीज चेकअप कराने के लिए पहुंचे तो डॉक्टर नहीं मिले। उन्हें बिना इलाज के ही वापस घर जाना पड़ा। लोगों ने कहा कि तीन दिनों से सिविल सर्जन से मरीजों की संख्या को देखते हुए पर्चियां बनाने के काउंटर बढ़ाने की मांग की जा रही है, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रोजाना मरीजों को इलाज से मेहरुम रहना पड़ रहा है।
इनका कहना है
प्रिंटर खराब होने से मरीजों को हाथ से पर्चियां बनाकर देने में समय लग रहा है। मैने प्रिंटर को सुधारने के लिए बोल दिया है। एक, दो दिन में सुधर जाएगा।
्रडॉ. मनीष शर्मा, चिकित्साधिकारी, जिला अस्पताल, हरदा
छत से गिरता है प्लास्टर, दीवारों में पड़ी दरारंे
आलमपुर. गांव का बरसों पुराना उप स्वास्थ्य केंद्र क्षतिग्रस्त एवं जर्जर हो रहा है। भवन की छत से प्लास्टर गिर रहा है। दीवारों में दरारे आ गई है छत से बारिश का पानी टपकता है। यहां पदस्थ मेहा चौबे ने बताया कि इस भवन में कार्य करते समय ढहने का खतरा बना रहता है।
हाल ही में रात के समय बिल्डिंग की छत से प्लास्टर टेबिल कुर्सियों पर गिर गया था। यदि दिन में यह घटना होती है तो जनहानि भी हो सकती थी। इस स्थिति में यहां रहना तो दूर कार्य करने में भी डर बना रहता है। इस स्थिति में उन्हें किराए से कमरा ले कर रहना पड़ रहा है। जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को लगभग ढेड़ महीने पहले दे दी गई है। लेकिन अभी तक बिल्डिंग को लेकर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।
जमीन पर लगी टाइल्स भी उखड़ चुकी हैं। स्वास्थ्य केंद्र के प्रवेश द्वार पर गेट नहीं लगा है। बारिश के दिनों में जहरीले जीव जंतुओं का खतरा बना रहता है ।
इस संबंध में यहां पदस्थ कर्मचारी मेहा चौबे ने बताया कि भवन जर्जर होने की सूचना विभाग को दी है। ग्राम पंचायत में भी आवेदन दिया जाएगा। सरपंच को मौखिक रूप से अवगत करा दिया है।
दवाइयां पानी गिरने से हो गई खराब
बारिश के दिनों में बिल्डिंग के छत से पानी टपकने की वजह से दवाइयां एवं विभाग का रिकॉर्ड रजिस्टर खराब हो रहा है। जिन्हें प्रतिदिन यहां से लाना एवं ले जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में दीवारों पर करंट भी उतर जाता है। उप स्वास्थ्य केंद्र को बने 25 से 30 वर्ष हो गए हैं। जो पिछले 5 वर्षों से क्षतिग्रस्त होता जा रहा है। लेकिन विभाग द्वारा बिल्डिंग की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। ग्रामीणों ने केन्द्र के लिए नए भवन का निर्माण कराने की मांग की है।

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