scriptजिला जल उपयोगिता समिति की बैठक- किसानों ने दो दिन बाद पानी छोडऩे की मांग रखी | District Water Utilities Committee Meeting | Patrika News
हरदा

जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक- किसानों ने दो दिन बाद पानी छोडऩे की मांग रखी

संभागीय बैठक में होगा निर्धारण- ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में सभी को पानी देने का मुद्दा भी छाया रहा बैठक में

हरदाOct 12, 2020 / 10:20 pm

gurudatt rajvaidya

जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक- किसानों ने दो दिन बाद पानी छोडऩे की मांग रखी

जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक- किसानों ने दो दिन बाद पानी छोडऩे की मांग रखी

हरदा। जिला जल उपयोगिता समिति की सोमवार को आयोजित बैठक में किसानों ने रबी फसल की सिंचाई के लिए दो दिन बाद यानि 15 अक्टूबर से पानी छोडऩे की मांग रखी। समिति द्वारा इस आशय का प्रस्ताव बनाकर संभाग को भेजा जाएगा। कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली संभागीय बैठक में इसका निर्धारण होगा की तवा नहर में कब से पानी छोड़ा जाएगा।
जिला पंचायत के सभाकक्ष में शाम साढ़े 4 बजे से कलेक्टर संजय गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक की शुरुआत में अधिकारियों ने नहरों में पानी छोडऩे की तिथि का निर्धारण करने पर चर्चा शुरू की तो जल उपभोक्ता संथा रिजगांव के अध्यक्ष दिनेश लेगा ने कहा कि पहले बताया जाए कि किसानों को खाद, बीज कब तक मिलेगा। इसके अभाव में पानी मिल भी गया तो किसान क्या करेंगे। इस पर उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत ने कहा कि खाद का पर्याप्त स्टाक है। सभी किसानों को खाद मांग अनुरूप मिलेगा। चर्चा के दौरान कलेक्टर गुप्ता ने बिजली कंपनी को कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए, ताकि किसानों की समस्याओं का निराकरण हो सके। इस दौरान कंपनी के एई आरएस मालवीय ने बताया कि मेंटेनेंस एक सप्ताह में पूर्ण हो जाएगा। किसानों को बिजली आपूर्ति में परेशानी नहीं आएगी। बैठक में जल उपभोक्ता संथा बाजनिया के अध्यक्ष दीपचंद नवाद ने भारतीय किसान संघ तहसील इकाई टिमरनी की ओर से 10 सूत्रीय मांग का ज्ञापन देकर मांग की कि जिले को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए। उन्होंने ग्रीष्मकालीन मूंग के लिए सभी किसानों को पानी देने की मांग रखी। इस दौरान कलेक्टर गुप्ता ने कहा कि किसानों को कोई समस्या न आए इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली और पानी की व्यवस्था की जाएगी।
मोरंड एक्वाडक्ट के आगे बनेगा गेज
बैठक में किसानों की ओर से कहा गया कि जिले को पर्याप्त पानी नहीं मिलता। जिले के हिस्से का पानी सिवनी मालवा के किसान लेते हैं। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री राकेश दीक्षित ने बताया कि एक्वाडक्ट के ऊपरी छोर पर पानी का नाप होता है। किसानों की मांग पर इसे नीचे की ओर गेज बनाया जाएगा, ताकि यह पता लग सके कि जिले को कितना पानी मिल रहा है।
अमले की कमी का मुद्दा उठा
इस दौरान विभाग के पास अमले की कमी का मुद्दा भी उठा। किसानों का कहना था कि फील्ड पर काम करने वाले अधिकारी, कर्मचारी कम होते जा रहे हैं। ऐसे में टेल एण्ड तक पानी कैसे पहुंचेगा।
मूंग के लिए सभी को मिले पानी
चर्चा के दौरान टिमरनी विधायक संजय शाह ने कहा कि विभाग ऐसी तैयारी रखे कि ग्रीष्माकालीन मूंग फसल के लिए सभी किसानों को सिंचाई का पानी मिले। इस दौरान विभाग की ओर से कहा गया कि पानी की उपलब्धता के अनुसार इसका वितरण किया जाएगा। नहरों की लाइनिंग को लेकर वितरण में रोकटोक नहीं रहेगी।
250 क्यूसेक का अंतर आता है
उल्लेखनीय है कि हंडिया ब्रांच केनाल (एचबीसी) और लेफ्ट ब्रांच केनाल (एलबीसी) में पानी का वितरण चेन क्रमांक 3008 पर होता है। विभाग के कार्यपालन यंत्री दीक्षित के अनुसार इससे करीब 3 किमी ऊपर से जिले का कार्यक्षेत्र शुरू होता है। जिले को मिलने वाले पानी का नाप फिलहाल मोरंड एक्वाडक्ट पर होता है। वहां के नाप और चेन क्रमांक 3008 के नाप में करीब 250 क्यूसेक का अंतर आता है। इसी से जिले की हिस्सेदारी कम होती है। कलेक्टर के निर्देशानुसार नया गेज बनाया जाएगा, ताकि पता लगे कि जिले को कितना पानी मिल रहा है। कम पानी मिला तो इसे बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

Home / Harda / जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक- किसानों ने दो दिन बाद पानी छोडऩे की मांग रखी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो