आंधी से आधा दर्जन दुकानों के छप्पर उड़े, 50 फीट दूर जाकर गिरा टप
हंडिया। शनिवार दोपहर 4 बजे समूचे क्षेत्र में भीषण आंधी के चलते रिद्धनाथ घाट पर पूजन सामग्री की आधा दर्जन से अधिक दुकानों के छप्पर उड़ गए। वहीं घाट पर रखा शांतिनाथ का टप 50 फीट दूर खेत में जा गिरा। दुकानदारों को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। आंधी से आधा दर्जन से अधिक पेड़ भी धराशायी हुए हैं। उधर, रुक-रुककर हुई आधा घंटे की बरसात में मूंग की फसल की कटाई कर रहे किसानों की परेशानी बढ़ा दी। आनन-फानन वे इसकी सालसंभाल में जुट गए।
थोड़ी सी बारिश ने बढ़ाई उमस, गर्मी से परेशान हुए लोग
प्री मानसून गतिविधि के तहत शहर में शनिवार को कुछ समय के लिए हुई बारिश ने उमस बढ़ा दी। इसके चलते लोग गर्मी से परेशान हुए। पिछले चार दिनों से जिले का तापमान अधिकतम ४५ डिग्री सेल्सियस पर टिका हुआ है। दिनभर तेज धूप के कारण लोग गर्मी से हलाकान हो रहे हैं। गर्मी का असर देर रात तक बना रह रहा है। नागरिकों का कहना है कि पहली बार इतनी गर्मी पड़ रही है। रात में भी राहत नहीं मिल रही। दिनभर लोग गर्मी से बचने के लिए पेड़ों की छांव या घरों में कूलर, एसी में रहते हैं। वहीं बाजार में निकलने वाले लोगों को शीतल पेय का सेवन कर गर्मी से बचना पड़ रहा है। भीषण गर्मी का असर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोग उल्टी-दस्त, बुखार और लू का शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल के वार्डों में उक्त बीमारियों का इलाज कराने के लिए बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हैं। इधर, शाम 4 बजे से शहर में तेज हवा चलना शुरू हुई। आसमान पर छाए बादल देखकर तेज बारिश की संभावना थी, लेकिन कुछ देर की बूंदाबांदी के बाद बारिश बंद हो गई। दिनभर धूप से तपी सड़कों पर बारिश गिरने के बाद गर्म भांप निकली, जिससे लोग उमस और गर्मी से परेशान हुए।
हंडिया। शनिवार दोपहर 4 बजे समूचे क्षेत्र में भीषण आंधी के चलते रिद्धनाथ घाट पर पूजन सामग्री की आधा दर्जन से अधिक दुकानों के छप्पर उड़ गए। वहीं घाट पर रखा शांतिनाथ का टप 50 फीट दूर खेत में जा गिरा। दुकानदारों को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। आंधी से आधा दर्जन से अधिक पेड़ भी धराशायी हुए हैं। उधर, रुक-रुककर हुई आधा घंटे की बरसात में मूंग की फसल की कटाई कर रहे किसानों की परेशानी बढ़ा दी। आनन-फानन वे इसकी सालसंभाल में जुट गए।
थोड़ी सी बारिश ने बढ़ाई उमस, गर्मी से परेशान हुए लोग
प्री मानसून गतिविधि के तहत शहर में शनिवार को कुछ समय के लिए हुई बारिश ने उमस बढ़ा दी। इसके चलते लोग गर्मी से परेशान हुए। पिछले चार दिनों से जिले का तापमान अधिकतम ४५ डिग्री सेल्सियस पर टिका हुआ है। दिनभर तेज धूप के कारण लोग गर्मी से हलाकान हो रहे हैं। गर्मी का असर देर रात तक बना रह रहा है। नागरिकों का कहना है कि पहली बार इतनी गर्मी पड़ रही है। रात में भी राहत नहीं मिल रही। दिनभर लोग गर्मी से बचने के लिए पेड़ों की छांव या घरों में कूलर, एसी में रहते हैं। वहीं बाजार में निकलने वाले लोगों को शीतल पेय का सेवन कर गर्मी से बचना पड़ रहा है। भीषण गर्मी का असर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोग उल्टी-दस्त, बुखार और लू का शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल के वार्डों में उक्त बीमारियों का इलाज कराने के लिए बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हैं। इधर, शाम 4 बजे से शहर में तेज हवा चलना शुरू हुई। आसमान पर छाए बादल देखकर तेज बारिश की संभावना थी, लेकिन कुछ देर की बूंदाबांदी के बाद बारिश बंद हो गई। दिनभर धूप से तपी सड़कों पर बारिश गिरने के बाद गर्म भांप निकली, जिससे लोग उमस और गर्मी से परेशान हुए।
पेड़ गिरने से मकान क्षतिग्रस्त, बाइक दबी
शहर के डबल फाटक के पास शनिवार शाम तेज हवा चलने से नीम के पेड़ की एक शाखा मकान पर गिर गई। जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार दिलीप ड्राइवर के मकान पर पेड़ की शाखा गिरने से गृहस्थी का सामान क्षतिग्रस्त हो गया। तीन बाइक भी चपेट में आ गई। घटना की सूचना मिलते ही नगर पालिका का अमला मौके पर पहुंचा और राहत कार्य के तहत पेड़ की शाखा काटी।
शहर के डबल फाटक के पास शनिवार शाम तेज हवा चलने से नीम के पेड़ की एक शाखा मकान पर गिर गई। जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार दिलीप ड्राइवर के मकान पर पेड़ की शाखा गिरने से गृहस्थी का सामान क्षतिग्रस्त हो गया। तीन बाइक भी चपेट में आ गई। घटना की सूचना मिलते ही नगर पालिका का अमला मौके पर पहुंचा और राहत कार्य के तहत पेड़ की शाखा काटी।
तेज हवा के साथ हुई रिमझिम बरसात
मसनगांव। शनिवार को चली तेज हवा के साथ हुई रिमझिम बारिश से तापमान में कमी आ गई। अचानक हुई बारिश से खेतों में कटी पड़ी मूंग की फसल भीग गई।
मसनगांव। शनिवार को चली तेज हवा के साथ हुई रिमझिम बारिश से तापमान में कमी आ गई। अचानक हुई बारिश से खेतों में कटी पड़ी मूंग की फसल भीग गई।