आवास निर्माण के लिए हितग्राहियों को योजना के तहत ढाई लाख रूपए की मदद शासन की ओर से दी जाएगी। जिससे हितग्राही अपने आवास का निर्माण करा सकते है। योजना की घोषणा के बाद प्रारंभिक सूची में 450 हितग्राहियों का चयन किया गया था। लेकिन अभी तक उन्हें ही राशि नहीं मिल सकी है। ऐसे में प्रतीक्षा और द्वितीय व तृतीय सूची के हितग्राहियों को इसका लाभ कब मिलेगा या फिर मिलेगा भी या नही यह एक बड़ा प्रश्न बना हुआ है। नगर परिषद की ओर से तमाम प्रक्रिया पूर्ण कर नगरीय निकाय को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। सरकार द्वारा योजनाएं तो बना दी जाती है, वही बड़ी बड़ी घोषणाएं कर गरीबों को सपने दिखा दिए जाते है, लेकिन योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए कई प्रकार की अव्यवस्थाएं खड़ी होती है, जिससे हितग्राही परेशान होते है।
योजना के अंतर्गत हितग्राहियों के चयन के बाद उनके निर्माण स्थान का सर्वे किया जाना होता है। जिसको लेकर एक दो बार नही बल्कि तीन बार सर्वे भी किया जा चुका है।जबकि एक बार सर्वे करना ही उचित होता है। बावजूद इसके हितग्राहियों को राशि नही मिल पा रही है। सर्वे के दौरान हितग्राहियों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है। हितग्राहियों का कहना है कि बार बार सर्वे किए जाने से अच्छा होगा कि योजना का लाभ दिया जाए। ताकि आवास का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सके। योजना के क्रियांवयन की गति के लिए सर्वे किया जाऐ तो बेहतर होगा। लेकिन बार-बार सर्वे किए जाने से केवल कागजों पर ही योजना में प्रक्रिया होती दिखाई दे रहीं है। जमीनी स्तर पर परिणाम शून्य है।