चतुर्थी पर मंगल कामना के लिए अपने घर में गणेश प्रतिमा की स्थापना का महत्व है। कम ही लोग जानते हैं कि गणेशजी की स्थापना किस स्थान पर करना चाहिए, जिससे वे प्रसन्न हों। भोपाल स्थित नर्मदा मंदिर के महंत पं. वल्लभाचार्य शुक्ल बताते हैं कि गणेशजी की प्रतिमा को सही स्थान पर विराजित करेंगे तो वह वास्तु दोष भी दूर कर देते हैं।
इन बातों का जरूर रखें ध्यान
– घर में शांति, सुख-समृद्धि की कामना करने वाले लोग सफेद रंग के विनायक की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं। इसके साथ ही घर में स्थाई चित्र भी लगाना चाहिए।
– सिन्दूरी रंग की गणेश प्रतिमा स्थापित करके नियमानुसार आराधना करना चाहिए। इससे घर-परिवार में हमेशा खुशी का वातावरण बना रहता है।
– गणेशजी की बैठक मुद्रा वाली प्रतिमा या शयन करती हुई प्रतिमा अपने घर में स्थापित करना चाहिए। यह शुभ माना गया है। इसी प्रकार कला अथवा अन्य शिक्षा के प्रयोजन से पूजन करना हो तो नृत्य गणेश की प्रतिमा अथवा तस्वीर का पूजन लाभदायक होता है।
– बाएं हाथ की तरफ सूंड किए या बैठे हुए गणेशजी की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं। दाएं हाथ की तरफ यदि सूंड है तो गणेशजी हठी माने गए हैं और उनकी साधना और आराधना कठिन होती है। वे देर से प्रसन्न होते हैं।
अपने वर्क प्लेस पर भी स्थापित करें प्रतिमा
– अपने दप्तर में खड़े गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। इससे कार्यस्थल पर स्फूर्ति और काम करने का अच्छा वातावरण बना रहता है। स्टाफ में उमंग बनी रहती है।
-अपने आफिस के केंद्र में यानी ब्रह्म स्थान पर प्रतिमा की स्थापना करें। ईशान कोण और पूर्व दिशा में सुखकर्ता की मूर्ति अथवा फोटो लगाना शुभ होता है।
– अपने आफिस के साफ-सुथरे स्थान पर वक्रतुण्ड की प्रतिमा या चित्र लगाए जा सकते हैं। यह ध्यान रखने वाली बात है कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋय कोण में न रहे।
– गणेशजी को उनका वाहन मूषक और मोदक बेहद प्रिय है। इसलिए मूर्ति स्थापना से पहले मोदक (बूंदी के लड्डू) और चूहा (मूषक) जरूर होना चाहिए।
– गणेशजी की पूजा में रोज दूर्वा अर्पित करना चाहिए। दूर्वा चढ़ाकर समृद्धि की कामना के लिए ‘ऊं गं गणपतये नमः का जाप करना चाहिए।
दूर हो जाता है वास्तु दोष
– घर के मेन गेट पर एकदंत की प्रतिमा अथवा तस्वीर लगी है, तो उसके दूसरी ओर ठीक उसी जगह पर दोनों गणेशजी की पीठ मिली होना जरूरी है। इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा या चित्र लगाने से वास्तु दोष दूर हो जाता है।
स्वस्तिक है गणेशजी का एक रूप
– मकान के जिस स्थान पर वास्तु दोष हो, वहां घी और सिन्दूर से स्वस्तिक बनाना चाहिए। वास्तु दोष खत्म करने के लिए स्वास्तिक की अहम भूमिका होती है। यह ग्रह शान्ति भी रखता है। इसलिए घर में अष्टधातु से बना पिरामिड यंत्र पूरब दिशा वाली दीवार पर लगाना चाहिए।
– रविवार को पुष्य नक्षत्र पड़े, तब श्वेतार्क या सफेद मंदार की जड़ के गणेश की स्थापना करनी चाहिए। इसे सर्वार्थ सिद्धिकारक कहा गया है। इससे पूर्व ही गणेश को अपने यहां रिद्धि-सिद्धि सहित पदार्पण के लिए निमंत्रण दे आना चाहिए और दूसरे दिन, रवि-पुष्य योग में लाकर घर के ईशान कोण में स्थापना करनी चाहिए।