शहर में जल जनित बीमारियों के कारण लोग बुखार, सर्दी-खांसी, मलेरिया, पेट दर्द, उल्टी-दस्त से पीडि़त हो गए हैं। महिलाओं से लेकर बच्चे तक मौसमी बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। जिला अस्पताल की ओपीड़ी में सुबह के अलावा शाम को भी मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। मौसम का असर महिला, पुरुषों के साथ-साथ बच्चों पर भी देखने को मिल रहा है। प्रत्येक वार्ड मरीजों से भर गए हैं। इसके चलते पलंगों की कमी भी होने लगी है।
बुखार से अधिक पीडि़त वाले लोगों की डॉक्टरों द्वारा जांच करने पर उन्हें विशेष तौर पर मलेरिया की जांच के लिए लिखा जा रहा है। बीते चार दिनों में सैकड़ों लोगों की मलेरिया स्लाइडें बनी हैं। इनमें से कुछलोग मलेरिया के संदिग्ध मिले हैं, जिन्हें रोग से बचाव के लिए गोलियां दी जा रही हैं।
जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में चार दिनों में इलाज कराने आए मरीजों में बुखार के १५०, सर्दी-खांसी १००, पेट दर्द ८०, उल्टी-दस्त १३०, टाइफाइड के ५० मरीज शामिल हैं। इनमें से कईरोगियों को भर्तीकर इलाज दिया जा रहा है।
जिला अस्पताल के डॉ.एमएस मीणा ने कहा कि बारिश होने से लोग बुखार, उल्टी-दस्त, टाइफाइड के शिकार हो रहे हैं। इसलिए लोग पानी उबालकर पिए, घर में साफ-सफाई रखे। मच्छरों से बचाव के साधन रखे। होटलों की खुली खाद्य सामग्रियां नहीं खाए।
मौसम में परिवर्तन के बाद लोग बुखार, उल्टी-दस्ती, सर्दी-खांसी से पीडि़त हो रहे हैं। अस्पताल में मरीजों को इलाज दिया जा रहा है। वहीं कुछ को भर्ती किया गया। मौसमी बीमारियों को देखते हुए दवाइयों का भरपूर स्टॉक रखा गया।
डॉ. मनीष शर्मा, चिकित्साधिकारी, जिला अस्पताल, हरदा