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हरदा

मंडी के शौचालयों में लगा दिए ताले

एक शौचालय के भरोसे सैकड़ों किसान

हरदाNov 20, 2017 / 11:19 am

gurudatt rajvaidya

harda

Locks placed in the market toilets

खिरकिया। देश को स्वच्छ बनाने के लिए ग्रामों को साफ सुथरा किए जाने पर अधिक जोर दिया जा रहा है, जिसको लेकर गांवों में शौचालयों का निर्माण किया गया है, लेकिन गांव से शहर आने वाले कृषकों को शौच के लिए परेशान होना पड़ता है। जानकारी के अनुसार मंडी में बनाए गए शौचालयों में ताले लगे रहने से अनुपयोगी साबित हो रहे है। कुछ शौचालय खुले भी है तो उनमें सफाई नहीं होने से किसान जाने सेे कतराते है। इससे मंडी में आने वाले किसानों को शौच के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जिले की आदर्श मंडियों में शामिल खिरकिया उपज मंडी में चार शौचालयों का निर्माण किया गया है, लेकिन उनमें से एक ही उपयोगी है। दूसरा शौचालय सफाई के अभाव में चौक पड़ा हुआ है, जो उपयोग योग्य नहीं है।
निर्माण के बाद शौचालयों में लगा दिए ताले –
किसानो की सुविधा के लिए बनाए गए शौचालयों को किसानों के लिए ही नहीं खोला जा रहा है। शौचालयों के निर्माण के बाद से इसमे ताले लगे हुए है। चर्चा करने पर किसानों ने बताया कि इनमें हमेशा ताले लगे रहते है। मंडी में शौचालयों की संख्या बड़ाना चाहिए। यहां पर बड़ी संख्या में किसानों के प्रतिदिन एकत्रित होने के बावजूद इस ओर ध्यान न देकर स्वच्छ भारत अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। मंडी में यदि एक से भी ज्यादा दिन किसानों को रूकना पड़ रहा है तो नहाने हेतु सार्वजनिक स्नानागार की भी जरूरत है।
किसानों को लगाना पड़ती है लाइन-
कृषि उपज मंडी में निर्मित शौचालय में साफ सफाई नहींं होने व ताले लगे होने से कृषकों को कई बार एक ही शौचालय में लाइन लगना पड़ता है। शासन द्वारा स्वच्छत भारत अभ्यिान के चलते पंचायतों में घर -घर शौचालय का निर्माण कराया गया है, लेकिन कृषि उपज मंडी इसको लेकर जागरूक नहीं दिख रही है। किसानों की संख्या बढऩे के बावजूद शौचालय का निर्माण तो नहीं कराया, बल्कि पूर्व से निर्मित शौचालयों पर भी ताला डाल दिया है। मक्तापुर गांव के किसान अफरोज खान ने बताया कि यहां शौचालय हेतु लाइन लगानी पड़ती है। मंडी में रोजाना लगभग चार सौ टैक्ट्रर ट्राली व बैलगाडिय़ां आती है। मंडी में किसानों को दो से तीन रोज इंताजार करना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें खासी परेशानी होती है।
खुले में शौच करने पर मजबूर किसान
प्रतिदिन मंडी में सैकड़ों किसान व हम्माल रात में रूकते है। प्रत्येक टैक्ट्रर ट्राली व बैल गाड़ी में भी संभवत दो से चार लोग आते है। लोगों को सुबह से शौचालय जाने के लिए लाइन लगाकर इंतजार करना पड़ता है। कुछ किसान मंडी के बाउंड्री के किनारे नालियों के आसपास शौच करने को मजबूर है। जिससे मंडी में लोगों को बदबू से परेशानी होती है। मंडी में लाखों रूपए की आय होने के बावजूद भी किसानों की संख्या के अनुपात में शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है। एक ओर जहां किसानों के लिए योजनाएं और खेती में विकास की बात कही जा रही है, वही दूसरी ओर किसानों को मंडी में अनाज बेचने के दौरान भी सुविधाएं मुहैया नहीं हो रही है।
इनका कहना
नवनिर्मित शौचालय में पानी का कनेक्शन नहीं होने कारण बंद है। जिनमे कनेक्शन कराए जा रहे है। एक दो दिन में शौचालय चालू करा दिए जाएंगे। शौचालयों मेंं नियमित सफाई कराई जाएगी।
शर्मिला निनामा, सचिव, कृषि उपज मंडी, खिरकिया

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