एनएचएआई हरदा से टेमागांव तक 30 किमी में बायपास का निर्माण होगा। इसके लिए सरकार ने 419 करोड़ लागत तय की है। वहीं विभाग ने फोरलेन के लिए 60 मीटर चौड़ाई रखी थी, ताकि भविष्य में इसे सिक्सलेन करें तो सरकार के पास जमीन उपलब्ध रहे। गत सितंबर माह में विभाग ने फोरलेन निर्माण का राजपत्र भी जारी किया था। इसमें सैकड़ों किसानों और सरकारी जमीन अधिग्रहित हो रही थी लेकिन किसानों को जमीन के बदले दी जाने वाली राशि अधिक होने के चलते विभाग ने मार्ग की चौड़ाई 45 मीटर कर दी है। इसके अनुसार ही जमीन अधिग्रहित की जाएगी। पूर्व बनाई गई योजना में बायपास निर्माण में किसानों की कृषि भूमि लगभग 150 हेक्टेयर, फॉरेस्ट की जमीन 33.940 हेक्टेयर, सरकारी जमीन 37 हेक्टेयर अधिग्रहित करने के लिए चिह्नित की गई।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ग्राम हरदाखुर्द के सामने नर्मदा मंदिर से फोरलेन बायपास का काम शुरू होगा। इसके बाद यह मार्ग संस्कार स्कूल और अबगांवखुर्द के बीच स्थित खेतों में से होकर निकलेगा। अगला हिस्सा गांव उड़ा-खिडक़ीवाला से होते हुए टेमागांव तक बनेगा। उड़ा गांव के पास से रेलवे लाइन के उपर से फ्लाई ओवरब्रिज का भी निर्माण किया जाएगा।
एनएचएआई ने पूर्व में जिन किसानों की जमीन चिह्नित की थी। कई किसानों ने जमीन अधिग्रहित होने के बदले मिलने वाली राशि से दूसरी जगह पर जमीन खरीदने के लिए सौदे भी कर लिए थे। किंतु अब विभाग ने जमीन की चौड़ाई 60 मीटर से बदलकर 45 मीटर करने से किसानों में निराशा है। किसानों ने बताया कि पूर्व में किसानों की दो से तीन एकड़ जमीन अधिग्रहित होने वाली। लेकिन अब एक एकड़ या आधा एकड़ जमीन ही प्रभावित होगी।
ज्ञात हो कि फोरलेन बायपास निर्माण में जिले के 15 गांवों की कृषि और सरकारी जमीन प्रभावित हो रही है। इसमें ग्राम हरदाखुर्द, अबगांवकला, उड़ा, खिडक़ीवाला, भाटपरेटिया, बरकला, बेहराखेड़ी, बलियाखेड़ी, सोडलपुर, बहरागांव, सिरकंबा, डोलरया, टेमागांव, उसकल्ली शामिल हैं।
एनएचएआई ने जमीन की 60 मीटर चौड़ाई की जगह पर 45 मीटर कर दी है। सडक़ किनारे स्थित शासकीय संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है और जानकारी मांगी गई है।
एचएस चौधरी, एसडीएम, हरदा