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हरदा

अब बरसाती मूंग की ओर भी बढ़ा क्षेत्र के किसानों का रुझान

500 हेक्टेयर रकबे में इसकी बुवाई हो चुकी है

हरदाJun 26, 2020 / 08:44 pm

KRISHNAKANT SHUKLA

अब बरसाती मूंग की ओर भी बढ़ा क्षेत्र के किसानों का रुझान

अब बरसाती मूंग की ओर भी बढ़ा क्षेत्र के किसानों का रुझान

हरदा. अन्य उपज की अपेक्षा मूंग के भाव अपेक्षाकृत अधिक मिलने से किसानों का रुझान अब बारिश के मौसम में भी इस फसल की ओर बढ़ा है। इस वर्ष 1 हजार हेक्टेयर रकबे में मूंग की बुवाई का लक्ष्य है। इसमें से 500 हेक्टेयर रकबे में इसकी बुवाई हो चुकी है। बीते खरीफ सीजन में केवल 350 हेक्टेयर में ही मूंग की बुवाई हुई थी। इसके उलट उड़द का रकबा जिले में घटेगा। बीते साल जहां 78 50 हेक्टेयर में मूंग की बुवाई हुई थी, वहीं इस वर्ष यह रकबा घटकर 5000 हेक्टेयर रहेगा। इसमें से अब तक 2 हजार हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष 1 लाख 91 हजार 680 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बीते साल यह आंकड़ा 1 लाख 89 हजार 560 हेक्टेयर था।

सोयाबीन की बुवाई हुई थी
इसमें से 1 लाख 4250 हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। सबसे ज्यादा 1 लाख 67 हजार हेक्टेयर में इस वर्ष सोयाबीन की बुवाई होगी। इसमें से 95 हजार हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी। बीते साल 1 लाख 64 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई थी।

सिर्फ 20 हेक्टेयर में सिमटा कपास
ज्ञात हो कि करीब तीन दशक पहले क्षेत्र में कपास बहुतायत में लगाया जाता था। इसके बाद इसका उत्पादन शून्य हो गया था। अब खिरकिया क्षेत्र के किसान तथा हरदा क्षेत्र के एक दो किसान कपास लगा रहे हैं। उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत के अनुसार जिले में इस वर्ष 20 हेक्टेयर रकबे में कपास लगाया जाएगा। वहीं मक्का का रकबा 12 हजार 950 से बढ़कर 15000 हेक्टेयर रहेगा। अरहर की बोवनी बीते वर्ष की ही तरह 2 हजार हेक्टेयर में होगी।

सडऩे की आशंका रहती
इधर, बोवनी के तत्काल बाद बारिश होने से कई किसानों के सोयाबीन बीज का अंकुरण नहीं हो सका। अब उन्हें दोबारा बोवनी करना पड़ रही है। बिरजाखेड़ी रोड पर खेती करने वाले रवि प्रजापति इन्हीं किसानों में से एक हैं। उन्हें अपने 5 एकड़ रकबे में सोयाबीन की दोबारा बोवनी करना पड़ रही है। किसानों के मुताबिक बोवनी के तुरंत बाद बारिश होने से बीज सडऩे की आशंका रहती है।

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