बेरोजगार जिले में 220 नियोजक, 1338 प्रवासी मजदूरों में से 81 को ही उपलब्ध करा सके रोजगार
– लॉकडाउन के बाद बेरोजगार हुए लोगों को काम देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था पंजीयन
बेरोजगार जिले में 220 नियोजक, 1338 प्रवासी मजदूरों में से 81 को ही उपलब्ध करा सके रोजगार
पत्रिका डेटा डीकोडेड
सुरेश बादर, हरदा। कृषि प्रधान जिले में पहले से ही रोजगार के संसाधनों की कमी थी, उस पर कोविड 19 ने दोहरा कहर बरपा दिया। स्थानीय युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने में नाकाम सरकारी मशीनरी प्रवासी मजदूरों को भी काम नहीं दिला सकी है। इसकी बानगी अब तक हुए पंजीयन और रोजगार पाने वालों की संख्या देखकर जानी जा सकती है। लॉकडाउन के दौरान वापस आए प्रवासी मजदूरों की जिले में फौज खड़ी हो गई, लेकिन उन्हें रोजगार के अवसर उस अनुसार नहीं मिल सके, जिस तरह के दावे सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए लॉकडाउन के बाद से कई युवा अपनी नौकरी गंवा चुका हैं। ऐसे में शासन द्वारा रोजगार सेतु पोर्टल पर प्रवासी मजदूरों का ऑनलाइन पंजीयन कर नौकरी उपलब्ध कराने की कवायद की गई। जिले में अभी तक 1338 प्रवासी मजदूरों द्वारा रोजगार सेतु पोर्टल पर पंजीयन कराया जा चुका है। इसके अलावा 220 नियोजकों ने भी बेराजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की मंशा से पंजीयन कराया है। यानि नौकरी पाने वाले भी खड़े हैं और देने वाले भी। इसके बावजूद अभी तक मात्र 81 बेरोजगारों को ही नौकरी मिल पाई है। सैकड़ों बेरोजगार युवा रोजगार मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रभारी के भरोसे चल रहा जिला रोजगार कार्यालय
जिला रोजगार कार्यालय में बेरोजगारों का पंजीयन नहीं हो रहा है। शासन द्वारा रोजगार पंजीयन कराने के लिए पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। तब से कार्यालय में मौजूद अधिकारी, कर्मचारी के पास केवल विधानसभा सहित अधिकारियों द्वारा मांगी गई जानकारी देने का काम ही बचा है। जिला रोजगार अधिकारी एलएस सिलोटे के पास वर्तमान में हरदा जिले के अलावा खंडवा एवं बुरहानपुर का भी प्रभार है। ऐसे में वे कई दिनों तक कार्यालय ही नहीं पहुंच पाते हैं। इसके अलावा कार्यालय में एक यूडीसी, एलडीसी सहित भृत्य पदस्थ है, जो दिनभर कार्यालय में बैठक टाइम पास करते नजर आते हंै।
कार्यालय में नहीं लगाया बोर्ड
पूर्व में जिला रोजगार कार्यालय मंडी परिसर में स्थित सब्जी मंडी के एक भवन में संचालित किया जा रहा था। यह अब कलेक्ट्रेट परिसर में ही संचालित किया जाने लगा है। यहां पर अभी तक रोजगार कार्यालय का बोर्ड भी नहीं लगाया जा सका है। ऐसे में यहां पहुंचने वाले युवक-युवतियों को कार्यालय ढूढने के लिए ही खासी मशक्कत करना पड़ती है। कार्यालय के कम्प्यूटर में कनेक्टिविटी नहीं मिलने से समय पर जानकारियां भी नहीं मिल पाती है।
21 हजार बेरोजगारों ने कराया पंजीयन, सरकारी नौकरी 4 को मिली
जिला रोजगार कार्यालय में फरवरी 2020 तक 20 हजार 850 बेरोजगार युवक, युवतियों द्वारा पंजीयन कराया जा चुका है। इसमें 14 हजार 15 युवक एवं 685 युवतियां शामिल हंै। रोजगार कार्यालय के माध्यम से सरकारी विभागों में नियुक्तियां होने संबंधित कार्रवाई नहीं होने से 2011 से 2014 तक मात्र 4 लोगों की ही सरकारी नौकरी लग पाई है। विभागीय कर्मचारी का कहना है कि 2015 से अभी कोई भी नियुक्ति नहीं हुई है।
और इधर, मनरेगा में 15700 परिवारों के 28865 श्रमिकों को काम मिला
दूसरी ओर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ग्राम पंचायतों के माध्यम से अब तक 15700 परिवारों के 28865 श्रमिकों को कार्य दिया जा चुका है। इसके एवज में इन्हें 265 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। जिले में इस वर्ष 2909 परिवारों के जॉबकार्ड बनाए गए तथा पुन: चालू किए गए हैं। इनमें 9500 श्रमिकों को जोड़ा गया है।
इनका कहना है
प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए पंजीयन किए गए हैं। पोर्टल पर नियोक्ताओं को भी जोड़ा गया। हालांकि फिलहाल सभी को रोजगार नहीं मिल सका। इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
– एलएस सिलोटे, जिला रोजगार अधिकारी, हरदा
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