जानकारी के अनुसार रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण को लगभग छह साल पहले केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। जिस पर एनएच विभाग द्वारा रेलवे गेट के दोनों तरफ के हिस्सों का लगातार सर्वे किया गया था। बाद में रेलवे विभाग ने रेलवे गेट के उपर से निकलने वाले ब्रिज निर्माण को लेकर नक्शा भी बनाकर दिया था। वहीं एनएच विभाग ने ओवरब्रिज निर्माण के लिए लगभग ३० करोड़ ३1 लाख रुपए की लागत तय की थी। वहीं संपूर्णरिपोर्ट बनाकर दिल्ली मंत्रालय भेजी गईथी, किंतु छह साल तक ओवरब्रिज निर्माण की योजना कागजों में ही अटकी रही।अब इसे फेल कर दिया गया।
लोक निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा ओवरब्रिज निर्माण के लिए सर्वे किया गया था। इसमें होश्ंागाबाद मार्ग पर स्थित फाइल वार्ड के पास से लेकर नारायण टॉकीज के नाले तक ओवरब्रिज बनाया जाना प्रस्तावित किया गया था। इसकी लंबाई करीब ९०० मीटर रखी गई थी अर्थात एक किमी के एरिए में ब्रिज बनाने के लिए जगह चिन्हित की गईथी।
रेलवे अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे डबल फाटक के उपर से बनाए जाने वाले ओवरब्रिज के लिए कुछ जगहों पर पर्याप्त जगह नहीं मिल पाई, इसकी वजह से योजना को निरस्त कर दिया गया। बताया जाता है कि फाइल वार्डकी तरफसे बनने वाले हिस्से में तो काफी जमीन थी, किंतु शहर की तरफ के भाग में कईजगहों पर किए गए अतिक्रमणों के कारण ओवरब्रिज की लंबाई, चौड़ाई में समस्याएं आ रही थीं। इसकी वजह से यह नक्शा दिल्ली में फेल हो गया।
शहर के लोगों को रेलवे ओवरब्रिज की सुविधा मिलेगी, लेकिन अब यह रेलवे डबल फाटक की बजाय उड़ा रेलवे गेट के आगेे की तरफ। इसका लाभ लोगों को भारतमाला परियोजना अंतर्गत हरदा से टेमागांव तक ३० किमी में बनने वाले फोरलेन बायपास निर्माण से मिलेगा। नेशनल हाईवे पर स्थित हरदाखुर्द गांव के पास से बायपास का काम शुरू होगा, जो अबगांवखुर्द के पास से निकलेगा। ग्राम उड़ा और खिडक़ीवाला के बीच में स्थित रेलवे लाइन के उपर से ओवरब्रिज का निर्माण होगा। सरकार द्वारा उक्त बायपास की लागत ४१९ करोड़ रुपए तय कर दी है। एनएचएआई द्वारा आगामी 3 फरवरी को फोरलेन निर्माण के लिए टेंडर खोले जाएंगे।
इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद, खंडवा, बैतूल, नागपुर आदि जगहों पर जाने के लिए रेलवे फाटक से ही होकर गुजरना पड़ता है। लेकिन रोजाना दिन में कई बार अप और डाउन टै्रक से लगातार ट्रेनों की आवाजाही होने से रेलवे फाटक घंटों बंद रहता है, जिससे वाहनों का जाम उड़ा और साईं मंदिर तक लग जाता है। शहर की मुख्य सडक़ों पर भारी वाहनों के खड़े रहने से राहगीरों एवं वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर लोगों की काफी उम्मीदें थीं, किंतु क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण शहर को मिली सौैगात फेल हो गई।
रेलवे डबल फाटक के उपर से बनाए जाने वाला रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण जगह की कमी के कारण निरस्त हो गया है। इसके लिए तैयार किया गया नक्शा पास नहीं हो पाया। अब एनएचएआई द्वारा बनाए जा रहे फोरलेन बायपास के तहत उड़ा-खिडक़ीवाला गांव के बीच में ओवरब्रिज का निर्माण होगा।
केके महाजन, रेलवे सीनियर सेक्शन इंजीनियर, हरदा