जानकारी के मुताबिक शहर से निकलने वाले कचरे को नष्टकरने और उससे जैविक खाद तैयार करने के लिए नगर पालिका ने करीब ५० लाख रुपए की लागत से कचरा ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन मशीन खरीदी थी। इसे ग्राम रिछाडिय़ा में लगभग 2 एकड़ जमीन पर स्थापित किया गया है। मशीन को शेड में रखा गया है। वहीं बिजली कनेक्शन भी लिया गया था। किंतु इतने सालों में नगरपालिका ने एक बार भी मशीन का उपयोग नहीं किया। इसकी वजह से मशीन में जंग लग गया है। वहीं धीरे-धीरे मशीन संचालन के लिए की गईव्यवस्थाएं भी गायब हो गईहैं। प्लांट के आसपास के किसानों द्वारा अब इस खाली पड़ी जमीन का उपयोग निजी कार्यों में किया जा रहा है। बिजली कनेक्शन के वायर, बोर्ड, मीटर आदि गायब हो गए हैं।
नपा ने इस मशीन को इसलिए खरीदी थी कि शहर से निकलने वाले कचरे को नष्ट किया जा सके। इसके अलावा कचरे को अलग-अलग करके उससे जैविक खाद बनाने की योजना बनाई थी। साथ मशीन संचालन के लिए मजदूरों को रोजगार दिए जाने का प्लान था। यह प्लांट शहर से दूर होने से जहां लोगों को कचरे के प्रदूषण से निजात मिलती, वहीं किसानों को जैविक खाद आसानी से मिल जाती। लेकिन नगर पालिका ने इस योजना को साकार ही नहीं किया। नतीजतन लाखों रुपए की मशीन बेकार पड़ी हुईहै।
नगर पालिका रोजाना शहर के ३५ वार्डों से वाहन के जरिए घर-घर से और सार्वजनिक स्थलों से कचरा एकत्रित करती है। शहर से प्रतिदिन २५ टन कचरा निकलता है। लेकिन सालों से इस कचरे को नगर पालिका द्वारा मुक्तिधाम के सामने खाली पड़ी जगह पर फेंका जा रहा है। यहां पर कचरे अलाव मृत पशुओं को भी फेंका जाता है। इनके सडऩे पर हवा से दुर्गंध खेड़ीपुरा मोहल्ले, बायपास सहित काफी दूर तक फैलती है। लोगों को मुंह पर कपड़ा रखकर निकलना पड़ता है। वहीं खेड़ीपुरा के लोगों को घरों के दरवाजे बंद रखने पड़ते हैं। इसके अलावा कभी-कभार कचरे में आग लगा दिए जाने से धुआं भी सड़कों एवं घरों तक पहुंचता है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सालों बाद भी लोगों कचरे की दुर्गंध और धुएं के प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिल पाईहै।
उल्लेखनीय है कि इटारसी-होशंगाबाद के बीच में संभाग का कचरा नष्ट करने के लिए कलस्टर बनाया जा रहा है। यहां पर शहर से निकलने वाले कचरे को भी भेजने की योजना है। इस कलस्टर में कचरे के जरिए बिजली उत्पादन किया जाएगा। इसका काम पिछले दो साल से चल रहा है। लेकिन अभी तक इसका काम पूरा नहीं हुआ है। बताया जाता है कि शासन से बजटनहीं मिलने की वजह से कलस्टर का काम बंद पड़ा हुआ है।
शहर के वार्ड ३१ के अंतर्गत आने वाले मुक्तिधाम के बाजू से नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्च करके खाद प्रसंस्करण ईकाई बनाई है। यहां पर शेड बनाकर कांच, घरेलु कचरा, लकड़ी, लोहा, टीन एवं तार को लोहे के अलग-अलग ेकरने के लिए बॉक्स रखे गए हैं, ताकि कचरे की छटनी करके उससे खाद बनाईजा सके। लेकिन यह केंद्र भी अब तक चालू नहीं हो पाया है।
सुरेंद्र जैन, नपाध्यक्ष, हरदा