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हरदा

फसल कटाई शुरू, नुकसानी के सर्वे का ठिकाना नहीं, किसान असमंजस में

कलेक्टर के निर्देश पर अधीक्षक भू-अखिलेख ने तहसीलदारों को लिखा था पत्र, जिले के बड़े रकबे में खराब हुई है सोयाबीन और उड़द फसल

हरदाSep 16, 2018 / 12:02 pm

sanjeev dubey

Start harvesting

फसल कटाई शुरू, नुकसानी के सर्वे का ठिकाना नहीं, किसान असमंजस में

हरदा. जिले के बड़े क्षेत्र में खरीफ फसल बीमारी की चपेट में आई तो किसानों में आस जगी थी कि सरकार की ओर से मदद मिलेगी। लेकिन फिलहाल सर्वे के ही ठिकाने नहीं हैं। कलेक्टर को लगातार आवेदन मिलने के बाद उनके निर्देश पर भू-अभिलेख अधीक्षक ने 12 सितंबर को तहसीलदारों को पत्र लिखकर सर्वे दल गठित कर निरीक्षण कराने को कहा था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। किसान असमंजस में हैं कि उन्हें मुआवजा मिलेगा या नहीं।
ज्ञात हो कि एक पखवाड़ा पहले खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन के साथ ही उड़द और मूंग पर खतरा मंडराया था। पौधे स्टेम फ्लाई (तना मक्खी) की चपेट में आने से नष्ट हो रहे थे। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर किया गया कीटनाशक का छिड़काव भी बेअसर साबित हुआ तो किसानों की चिंता बढऩे लगी। सिराली तहसील के चार गांवों की करीब 700 एकड़ में लगी सोयाबीन व उड़द फसल के बीमारी की चपेट में आने की बात सबसे पहले सामने आई थी। जात्राखेड़ी, धनकार और दीपगांव खुर्द के खेतों में लगी फसल पूरी तरह खराब होने से किसान चिंता में पड़ गए थे। कृषि वैज्ञानिकों के दल ने गांव का भ्रमण कर किसानों को बीमारी से निपटने के लिए कीटनाशक सुझाए थे, लेकिन किसानों का कहना था कि नष्ट हुई फसल पर स्प्रे करने से उन्हें एक बार फिर आर्थिक नुकसान ही झेलना पड़ेगा। किसानों के मुताबिक सोयाबीन एवं उड़द की फसल में पूर्ण रूप से फली नहीं आई। जिन पौधों में आई उनमें फल नहीं आया। बीमारी की रोकथाम के उपाए किए गए, लेकिन फसल की मौजूदा स्थिति देखते हुए अब फायदे की उम्मीद कम है। किसानों का कहना है कि फसल देखकर लागत निकलने की आस भी नहीं रही। इसे लेकर प्रशासन से उम्मीद थी कि सर्वे शुरू होगा और उन्हें आथिक सहायता मिलेगी। फसल कटाई शुरू हो गई, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
जिले के 58 गांवों में हुई नुकसानी
खरीफ फसलों का निरीक्षण करने वाले आम किसान यूनियन के केदार सिरोही, राम इनानिया व सुनील गोल्या के मुताबिक जिले के 58 गांव की करीब 35000 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल स्टेम फ्लाई (तना मक्खी) के प्रकोप से पूरी तरह खराब हो गई है। रातातलाई, नयापुरा, चीराखान, हेमापुर, उंचान, उंढाल, साल्याखेड़ी, जोगा, भवरतलाब, भादूगांव, सिगोन, मांगरूल, सगोदा, ढेकी, अजनास, धनगांव, काकरदा आदि गांवों में नुकसान हुआ है। यूनियन ने 5 सितंबर को मंडी में खराब फसलों का प्रदर्शन किया था तो 50 गांव के किसान खराब फसल लेकर पहुंचे थे। उन्होंने प्रदर्शन कर अधिकारियों को हकीकत बताई थी। इसके बाद यूनियन के जिला संयोजक डॉ. जगदीश सारण ने कलेक्टर को पत्र लिखकर सर्वे कराने की मांग की थी। कलेक्टर के निर्देश पर अधीक्षक भू-अभिलेख ने तहसीलदारों को पत्र लिखा था। लेकिन सर्वे अब तक शुरू नहीं हो सका। दूसरी ओर फसल कटाई शुरू हो गई है। ऐसे में सर्वे तथा अनावारी कब और कैसे होगी, यह बड़ा सवाल है।
एसडीएम को तीन दिन बाद भी नहीं मिला पत्र
कलेक्टर के निर्देश पर अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा तहसीलदारों को लिखे गए पत्र की प्रति अनुविभागीय अधिकारियों को भी दी गई थी। कलेक्ट्रेट में स्थित अधीक्षक कार्यालय से हरदा एसडीएम कार्यालय की दूरी अधिकतम 50 मीटर होगी, लेकिन तीन दिन बाद भी यह पत्र उन तक नहीं पहुंचा। एसडीएम जेपी सैयाम के मुताबिक कृषि विभाग द्वारा यह कार्य किया जाएगा। जब उनके कलेक्टर के निर्देश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। इधर, खिरकिया एसडीएम वीपी यादव ने बताया कि खराब फसल का निरीक्षण कृषि विभाग ने किया है। कृषि अधिकारियों के अनुसार फसल में ऐसी कोई बीमारी नहीं है। फसल पीली जरूर हुई है, लेकिन इसके दूसरे कारण बताए जा रहे हैं। उधर, टिमरनी तहसीलदार अलका एक्का ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा यह कार्य किया जाएगा। वन क्षेत्र में वन विभाग का अमला नुकसानी का आंकलन करेगा। वहीं उप संचालक कृषि का कहना है कि फसल नुकसानी का सर्वे राजस्व अमला करता है। उनके विभाग द्वारा सर्वे करने संबंधी आदेश नहीं मिले हैं।
इधर, फसल बीमा की विसंगति दूर करने की कार्रवाई ठंंडे बस्ते में
दूसरी ओर खरीफ फसल 2017 में सामने आई विसंगति को दूर करने का मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में हैं। हरदा एसडीएम सैयाम के मुताबिक इस दिशा में कार्रवाई की जा रही है। खिरकिया एसडीएम यादव के अनुसार रकबे का मिलान कर कृषि विभाग को सूची भेजी गई है। उसी अनुसार संशोधन कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। टिमरनी में भी यह कार्य किया जा रहा है। इसके परिणाम कब तक सामने आएंगे यह स्पष्ट नहीं बताया जा रहा।
फसल कटाई पर आई, किसानों को कीटनाशक के प्रयोब की सलाह जारी!
£जिले में एक ओर खरीफ फसल की कटाई शुरू हो चुकी है, दूसरी ओर कृषि विभाग द्वारा किसानों को कीटनाशक, खरपतवारनाशक और नींदानाशक का सही प्रयोग करने की सलाह जारी की गई है। जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी इस सलाह पर डीडीए एमपीएस चंद्रावत का कहना है कि विभाग ने यह पहले जारी की थी। भूलवश अब प्रसारित हो गई होगी।
यह है खरीफ फसल का रकबा
सोयाबीन : १ लाख ४० हजार हेक्टेयर
उड़द : १८ हजार हेक्टेयर
मूंग : २ हजार हेक्टेयर
मक्का १२ हजार हेक्टेयर

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